नरेश की गोद में बैठी रीति एवं साथ में बहादुरगंज के जांवाज थानाध्यक्ष सुमन कुमार। |
किशनगंज टाइम्स के लिए शशिकांत झा की रिपोर्ट।
किशनगंज (बिहार )- किशनगंज पुलिस बेमिसाल ,जहाँ एक महिला सिपाही ने किया कमाल और एक 04 साल की अवोध बच्ची को अपना खून देकर नया जीवन दिया ।एस पी किशनगंज कुमार आशिष के मानवता की खोज में महिला सिपाही ने दिया अपनी ममता का परिचय ।
कहना गलत नहीं होगा कि -- "आंखों से भी लिखी जाती है दास्तानें ।
हर कहानी को कलम की जरुरत नहीं होती"।।
जिले की एक ऐसी शख्सियत जिनके कसीदे शौक से नहीं पढ़े जाते हैं ।और वे हैं किशनगंज एस पी कुमार आशिष जिन्हें आज चार साल की अवोध बच्ची और उसे जन्म देने बाली मां अपना दामन फैलाकर उपर बाले के सामने एस पी और पूरे पुलिस परिवार के लिए हजारों दुआऐं मांग रही होगी ।इकड़ा (लोहागड़ा हाट से सटे उत्तर ) के नरेश कर्मकार की बेटी रीति कुमारी (04)कुछ दिनों से बीमार चल रही थी ।डाक्टर ने बच्ची को खून की जरुरत की बातें कही । रीति का खून ए (+) था और वह मिल नहीं रहा था ।अन्त में नरेश को पुलिस के दरियादिली की बातों का ख्याल आया तो वे सीधे एस पी किशनगंज को फोन किया एवं रोते रोते उनसे अपनी विपदा कह डाली । फिर क्या था एसपी ने इसकी जबाबदेही बहादुरगंज थानाध्यक्ष सुमन कुमार को सौंपी और स्वयं भी इसकी खोज करने लगे । जबकि थानाध्यक्ष सुमन ने काफी तलाश के बाद अपने हीं पुलिस थाना की महिला सिपाही नं.78 पूनम कुमारी को खोज निकाला ।जो खून देने के लिए तैयार होकर एक मां की ममता का परिचय दिया और रीति को अपना खून दान दिया।
मां की ममता का परिचय देती महिला सिपाही पूनम कुमारी। |
फिलवक्त बच्ची को खून चढ़ाया जा रहा है एवं उसकी हालत में सुधार देखा जा रहा है ।पूनम का त्याग और ममता के गीत आज सभी इस खबर को सुनने बाले गा रहे हैं ।जहाँ किशनगंज पुलिस ने इस विपदा की घड़ी में अपना खून देकर अपने खुद का परिचय दिया है ।अगर वास्तव में आज किशनगंज के बुद्धिजीवियों की सुनी जाय तो- खून देकर किसी की जान बचाने का अद्भूत मिशाल अगर कोई पेश कर सकता है तो वह है केवल और केवल किशनगंज पुलिस ।जिसने कोविड 19 की विकट परिस्थितियों में अपनी मौजूदगी और मानवतायुक्त सहायताओं का एहसास किशनगंज की अमन पसंद जनता को करा दिया है ।
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जय हिंद
ReplyDeleteJai hind
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