Ticker

10/recent/ticker-posts

Advertisement

भारत नेपाल की सीमाओं पर कोरोनयोद्धा बनकर डटे एस एस बी जवान ।


 भारत नेपाल की सीमाओं पर कोरोनयोद्धा बनकर डटे एस एस बी जवान।

भारत नेपाल की सीमाओं  पर सुरक्षाबलों की चौकन्नी नजरें।

   
शशिकांत झा
        किशनगंज (बिहार )- "जोश भरा है सीने में हथेलियों पर जान । सीमाओं पर हम रखते हैं अपने ध्वज का मान ।।
                    देश की अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं पर तैनात एस एस बी के जवान सीमाओं सहित "कोरोना संक्रमण "को भारत आने की रोक पर सजग भूमिकाऐं निभा रहे हैं ।जिससे 1963 के स्पेशल सिक्योरिटीज सर्विसेज व्यूरो और अब के सीमा सशस्त्रबल के ये जवान सेवा ,सुरक्षा और वंधुत्व को सीमावर्ती क्षेत्रों में साकार कर रहे हैं ।जहाँ से आज के समय में ,जब मित्रराष्ट्र नेपाल की ओर से भी किसी को भारतीय सीमाओं में प्रवेश पर रोक लगा रखी है ।ऐसे में कोरोना के युद्ध में सीमा सुरक्षा के इन जवानों ने मेडिकल टीमों के साथ मिलकर जिन भूमिकाओं को निभाते आ रहे हैं ।वह काविल ए तारीफ है और सीमावर्ती क्षेत्र के लोग इन पर फक्र करते हैं ।हलांकि नेपाल सरकार ने अपने सीमाओं के अन्दर सभी सीमा से लगे गांवों में निगरानी समितियां बना रखी है ।जो उस गांव के लोगों पर नजर रखती है ।ताकि कोई भी भारतीय सीमा के भीतर प्रवेश ना करें ।वहीं भारत के ये जांवाज सिपाही असमाजिक तत्वों सहित तस्कर और राष्ट्र विरोधी ताकतों पर दिन रात तिरछी नजरें जमाये रहते हैं ।और आज के कोरोना संक्रमणकाल में इनकी भूमिकाऐं काफी महत्वपूर्ण हो चुकी है ।वह भी तब जब मित्रराष्ट्र नेपाल पर ड्रेगन की बुरी नजरें लगी हो ।
जांच के लिए नियुक्त कोरोना वरियर्स ।

ऐसे में 1963 में भारत सरकार की दूरगामी सोच से तैयार एस एस बी आज इन क्षेत्रों के लिए वरदान सावित हो रही है ।1950 के भारत नेपाल संधि के अनुसार आज विषमवर्ती सूची में रहकर ये सुरक्षाबलों के जवान केंद्र और राज्य सरकार की दोहरी नीतियों का हंसते हंसते पालन कर रही है ।जो अपने आप में अतुलनीय और अभूतपूर्व हीं कही जा सकती है ।

Post a Comment

0 Comments