कौन कहता है आसमां में सुराग हो नहीं सकता ।
एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो।
किशनगंज टाइम्स के लिए शशिकांत झा की रिपोर्ट।
बातों का फसाना बन जाना इसी को कहते हैं ,जब जिप प्रतिनिधि मो.इमरान आलम के कहे वाक्य किशनगंज एस पी कुमार आशिष के दिल को छू लिया ।और वे यहीं नहीं रुके तथा ये दौर ए खिजां जल्द हीं गुजर जाऐगा ।
फिर वक्त लिए बर्ग ओ समर आऐगा।
हर अश्क रवां कासिद मुस्तकबिल है ।
फिर अच्छे दिनों की वो खबर लायेगा ,को किशनगंजवासियों की नजर भेंट कर दी।अपने चाहने बालों के साथ ऑफिसरानों को भी इमरान बाबू का ये तोहफा भेट में भेजा ।कहना गलत नहीं होगा कि छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बातें किशनगंज एस पी के लिए अहम मायनें रखती चली आ रही है।
यही वजह रही कि- इमरान आलम एक समाजसेवी के साथ साथ पुलिस महकमा के लिए हमेशा मददगार साबित हुए हैं ।यही कारण रहा होगा जब बिहार पुलिस सप्ताह के अंतिम दौर में भाटाबाड़ी का एक अहम प्रोग्राम ,जिसमें आमलोगों की नुमाईन्दगी में लगे इमरान जी के दावत को ये ठुकरा ना सके ।और इस प्रोग्राम में शिरकत कर भाटाबाड़ी गॉंव को गोद लिया ।जहाँ लोगों ने एस पी किशनगंज का गर्मजोशी से खैरमकदम करते इन पर फूलों की बारिस की थी ।और बीते दिन जब इमरान बाबू ने उत्क्रमित उच्च विद्यालय भाटाबाड़ी उर्फ बेनामी स्कूल के दहलीज़ से प्रवासियों से कहा कि -रौशन रहेगा मकान,जब बनेंगे आप चौदहमी का चॉंद ,गलत बोलकर चालाकी ना दिखाऐं ,जिस शहर से आये वहाँ का नाम बताऐं और छुपकर घर ना जाऐं ।
उस वक्त इमरान जी के अल्फाजों को ये गुमां नहीं होगा कि किशनगंज के हरदिल अजी़ज एस पी कुमार आशिष इसका एहतराम करेंगे ,जिन अल्फाजों ने इनका दिल जीत लिया ।एक तरफ तो किशनगंज पुलिस ने "दिल दिया है जां भी देंगे ,ऐ वतन तेरे लिए को हालातों के मद्देनजर कर गुजरने की हर मुमकिन कोशिशों में लगी है ।जहाँ इस महकमें की एक हीं रट कोरोना को हराना है ,इसे दूर भगाना है।
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