प्रीति महतो |
पापा
ये हमारे सारे सपनें,उम्मीद और आस हैं
इन पर ही पुरा परिवार का विश्वास है।
व्यवहार चाहे कितना भी क्यो ना हो इनका गर्म
पर दिल से तो यह माॅ से भी है नर्म।
इसके घर की हम बेटियां होतीं है रानी
और इन्ही से शुरू है अपनी जीवन की कहनी।
जन्म तो हमें माॅ ने दिया
पर जीवन इन्होंने सैगात मे दिया।
तोड़ देती है इन्हे बेटी की बिदाई
पर पूरी सिद्दत से इन्होंने अपनी फर्ज निभाई।
रह गई इनकी जरूरतें अधूरी
पर कर दी इन्होंने हमारी ख्वाहिशे पुरी।
हम से इनके घर मे रैनक है
और हमारे लिए यह जन्नत है।
ये हमारे सारे सपनें,उम्मीद और आश है
इनपर ही पुरा परिवार का विश्वास है।
प्रीति महतो
आसंसोल, वेस्टबंगाल
2 Comments
Dil khush ho gaya bahut achchha kavita hai
ReplyDeleteHeart touching
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