Ticker

10/recent/ticker-posts

Advertisement

Father's Day: कवि ने दी अपने कविता के माध्यम से पिता को श्रद्धांजलि। Kishanganj Times

एडवोकेट विवेकानंद ठाकुर।

सभी दोस्तों को फादर्स डे की हार्दिक  शुभकामनाएं- विवेक

पिता का ही ये काया है।
उनके पैर तले साया है।।

          "पिता"
स्वर्ग में बसे  ऐ मेरे पिता
मत भूल ना जाना पुराना पता।

तुलसिया गाँव में है तेरा
 प्यारा एक पुत्र,प्रिय विवेका।।

धोती -कुर्ता ,मुँह पर चश्मा
सबको हँसाना ,खुद भी हँसना।

पकड़ बच्चों का पेट गुदगुदाना
मुझको आता अब भी रोना।।

इक पल में ही तूँ हमें छोड़ गया
 हम सबों से नाता तोड़ गया।

किस्मत ने किया मुझे तुझसे जुदा।
मैंने खोया चलता-फिरता खुदा।।

तेरे जाने से टूट के बिखरे हम।
दर-दर ठोकर खाकर निखरे हम।।

मातृसेवा कर निभाया तेरा कसम।
अब वो भी तो सज गई तेरे संग।।

पर खोकर भी तुझको पाये हम।
अपने अन्तर्मन में सजाये हम।।

ये मेरा मन , ये मेरा बदन।
 सब करूँ मैं पिता तुझपे अर्पण।।
       
एडवोकेट विवेकानंद ठाकुर
तुलसिया,किशनगंज बिहार

Post a Comment

4 Comments