शशिकांत झा |
जिंदगी हर कदम एक नई जंग है ......।
जब अवाम और उसके नुमांइदों का साथ हो तो मुश्किलें आसान हो जाती है
यह बात आज सौ फीसदी सटीक बैठती है कि - रहबर की रहवरी और उनके ईशारों से मातहत के एक नमूना लेकर उभरता है । किशनगंज जिले के एस पी कुमार आशिष ,जो हमेशा अवाम की खिदमत और अवाम की रहवरी में कर दिन रात उनके अच्छाईयों की सोच रखते हों। तो फिर उनके मातहतों के क्या कहने ?
उन्हीं के सफल मार्गदर्शन और बेहतर पुलिसिंग को बहादुरगंज की अवाम को एक बेमिसाल तोहफा दिया है ,एस एच ओ बहादुरगंज सुमन कुमार सिंह ने, जब सारा काम निपटा कर सुमन अपने ऑफिस में अकेले बैठे थे।
उनके चेहरों पर कई रंग आते जाते दिखे ।जिसका पता किसी को भी नहीं चल पाया होगा ।पर जांबाज और जनता का सेवक सुमन कुमार सिंह तो पुलिस पब्लिक गली -गली की सोच लिये आज हीं रात उसकी शुरुआत कर दी ।साथ में पूर्व नगर अध्यक्ष और वार्ड पार्षद मुज्तबा अनवर राही ,युवा संगठन के सभी साथियों के साथ *बहादुरगंज पुलिस* निकल पड़ी गॉंव के गलियों की ओर ।साथ में दफादारों -चौकीदारों की ताकत और सशस्त्र पुलिस बलों की निगेहवानी।
इसकी जरुरत क्यों ?
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इन दिनों खाली पड़े घर ,टाट फूस की बनी झोपड़ियों में चोरी की घटनाओं ने अपनी हाजरी लगानी शुरु कर दी थी ।ऐसे वक्त में सुमन कुमार की सोच में कदम से कदम मिलाने के लिए बहादुरगंज के पंचायत प्रतिनिधियों की पूरी फौज उमड़ पड़ी ।तथा "ज़ूम्में "की रात को इस नई पहल का आग़ाज किया गया ।जुरैल ,समेसर ,गुणा समेसर और चौरासी की बस्तीयों में तेज व्हीसिल की आवाजों ने लोगों को निंद से जगा दिया।फिर वही पुरानी आवाजें "जागते रहो....ओ..,चौकीदार ,थानेदार और जनता के चुने प्रतिनिधियों ने रात्रि पहरा शुरु कर दिया।
संदेशा भेजा गया छुपे अपराधियों ,चोर उचक्कों को ,अब दस बजे रात के बाद बिना वजह बाईक या सवारी गाड़ियों से बेवजह सड़कों पर निकले तो थाने चलना होगा ।जहाँ निकलने की वजह वाजिव होगी तो बेल नहीं तो जाना होगा जेल ।थानाध्यक्ष सुमन कुमार सिंह की सोच और नई पहल से लोगों को जागरूक करने ,अपराध एवं अपराधियों को सबक सिखाने के लिए अब बहादुरगंज की जनता जाग चुकी है ,इसलिए होशियार -खबरदार ।
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