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किशनगंज का लाल कर रहा है कमाल।


किशनगंज- (बिहार ) कहते हैं ना अल्लाह सबकी मदद करते हैं। जो किसी की खिदमत के लिए एक खिदमतगार को बेबश लाचार के पास उसकी खिदमात के लिए भेज देते हैं। और ऐसा हीं हुआ जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड (बेलगच्छी ,बैगना ) के हाफ़िज़ अंजार के साथ। जिसे किसी ने धोखे देकर "हारपीक "पिला दिया था। गरीब, मजलूम हाफिज़ अंजार एक गरीब परिवार से आते हैं और लुधियाना (पंजाब) में काम किया करते थे। जहाँ उनके साथ धोखे की वारदात को अंजाम दिया गया था। गरीब बाप इधर उधर हाथ मारकर गांव में इलाज कराया, पर सब बेकार। यहाँ डाक्टरों ने बाहर ले जाने की सलाह दी। बिना पैसों के सारा घर परेशान था।
और ऐसे वक्त में बहादुरगंज प्रखंड के एक छोटे से गांव सिंघिया में पैदा लेकर दिल्ली पहुंचने बाले दानिश अनवर ,जो आज बड़े बड़े ओहदे पर रहकर दुनियां को और काफी करीब से देखा। जिसने हाफिज़ अंजार को दिल्ली बुला लिया। जहाँ इन्होने अपने गरीबखाना में हाफिज़ साहब और इनके अब्बू को पास रखकर एम्स ले गये। जहाँ डाक्टरों ने इनके ईलाज से इन्कार कर दिया। नाम की तरह काम करने बाले दानिश ने दिल्ली साकेत अस्पताल में हाफिज साहब को भर्ती कराया।जहाँ के मशहूर मारुफ डाक्टर निखिल अग्रवाल ,जिनसे दानिश के अच्छे ताल्लुकात थे, ने हाफिज अंजार का ईलाज किया। और हाफिज़ साहब अब धीरे धीरे सेहतमन्द होते जा रहे हैं। बताना लाजमी है कि गुदड़ी का लाल दानिश आज मानवाधिकार ,पीस एन्ड हारमोनी जैसे आर्गनाइजेशन में वतौर मेहमाने खुशिशी बनकर कई खिताव भी ले चुके हैं।दानिश एक रईश खानदान से ताल्लुक रखते हैं। पर वक्त का तकाजा कि ये पढ़ लिखकर दिल्ली में अपना कारोबार करते हैं। जहाँ अगर अपने इन्हें मिल जाऐं तो जान लगा देते हैं। सभी मजहबों का एहतराम इनके नश नश में भरा होना ,इनके कर्मों से जांचा परखा जा सकता है।

वरिष्ठ पत्रकार
एसके झा की रिपोर्ट

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2 Comments

  1. बहुत बढ़िया।
    मुझे गर्व है किशनगंज के लाल पर।

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