और ऐसे वक्त में बहादुरगंज प्रखंड के एक छोटे से गांव सिंघिया में पैदा लेकर दिल्ली पहुंचने बाले दानिश अनवर ,जो आज बड़े बड़े ओहदे पर रहकर दुनियां को और काफी करीब से देखा। जिसने हाफिज़ अंजार को दिल्ली बुला लिया। जहाँ इन्होने अपने गरीबखाना में हाफिज़ साहब और इनके अब्बू को पास रखकर एम्स ले गये। जहाँ डाक्टरों ने इनके ईलाज से इन्कार कर दिया। नाम की तरह काम करने बाले दानिश ने दिल्ली साकेत अस्पताल में हाफिज साहब को भर्ती कराया।जहाँ के मशहूर मारुफ डाक्टर निखिल अग्रवाल ,जिनसे दानिश के अच्छे ताल्लुकात थे, ने हाफिज अंजार का ईलाज किया। और हाफिज़ साहब अब धीरे धीरे सेहतमन्द होते जा रहे हैं। बताना लाजमी है कि गुदड़ी का लाल दानिश आज मानवाधिकार ,पीस एन्ड हारमोनी जैसे आर्गनाइजेशन में वतौर मेहमाने खुशिशी बनकर कई खिताव भी ले चुके हैं।दानिश एक रईश खानदान से ताल्लुक रखते हैं। पर वक्त का तकाजा कि ये पढ़ लिखकर दिल्ली में अपना कारोबार करते हैं। जहाँ अगर अपने इन्हें मिल जाऐं तो जान लगा देते हैं। सभी मजहबों का एहतराम इनके नश नश में भरा होना ,इनके कर्मों से जांचा परखा जा सकता है।
वरिष्ठ पत्रकार
एसके झा की रिपोर्ट
2 Comments
बहुत बढ़िया।
ReplyDeleteमुझे गर्व है किशनगंज के लाल पर।
Salute boss
ReplyDelete