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आज भी लोगों के दिलों में बसतें है पूर्व एसडीपीओ डॉ अखिलेश कुमार।

पुलिस सेवा से अंतिम विदाई लेते एसडीपीओ (फाइल फोटो)
आज भी लोगों के दिलों में बसतें है पूर्व एसडीपीओ डॉ अखिलेश कुमार।

किशनगंज टाइम्स के लिए शशिकांत झा की रिपोर्ट।

किशनगंज (बिहार )- और वे छठ मैया को अंतिम अर्घ्य देकर पुलिस सेवा से विदा ले लिए। जहाँ किशनगंज की जनता उनको एकटक निहारती रही ,जहाँ से वे बिहार  पुलिस सेवा को छोड़कर शिक्षा को प्राथमिकता दी। डॉक्टर अखिलेश कुमार किशनगंज जिले में किशनगंज के एसडीपीओ रहकर मानव सेवा और साहस पूर्ण कार्यों में लगे रहे। जिनकी यादें किशनगंज के हृदय में  आज भी ताजी तरीन हालत में है। एक पुलिस पदाधिकारी के रूप में डॉ अखिलेश कुमार की पहचान यहाँ जनता के एक सच्चे सेवक के रूप में उनकी पहचान कायम रहेगी ।जिन्होने किशनगंज के जनता के दिलों में हमेशा हमेशा के लिए  लिए अपनी अमित छाप छोड़ गये ।

           एक साहसी और ईमानदार पुलिस पदाधिकारी के रुप में ये अपने उच्चाधिकारियों के भी विश्वासपात्र रहे ।पुलिस सेवा में साफगोई से अपनी बातों को रखने की कला भला कोई इनसे सीखे ।नजदीकी जिला अररिया के मिल्की नरपतगंज निवासी अखिलेश कुमार साईंस के विद्यार्थी रहकर इन्होंने जूलाजी में पी एच डी की और ये बन गये डाक्टर अखिलेश कुमार ।जहाँ ये अपने पारदर्शिता और कर्मठता के कारण जाने गए तो आईए आपको इनके कुछ साहसिक कारनामों से आपको रु व रु कराते चलें ।जिले के पोठिया प्रखंड स्थित सखुआडाली चाय बगान के संघर्ष का वह दिन ,जब आदिवासियों के तीरों की बर्षातों के बीच डा. अखिलेश बिना अपनी जान की परवाह किए बगैर वे उनके बीच पहुंच गये ।हलांकि मामला काफी पेचिदा और जटिल था ।पर एस डी पी ओ किशनगंज के रुप में इन्होने कानून का काम कर दिखाया ।जो उस समय शायद  विरले हीं कर पाते ।जिनके साहसिक कारनामों  की प्रशंसा तत्कालीन डीएम किशनगंज एवं वर्तमान एसपी कुमार आशीष ने भी खुले मन से किया था। बातें यहीं खत्म नहीं होती जब 16 अगस्त 2018  को जिले के बिशनपूर बाजार में में अशांति फैल गई थी।
पूर्व एसडीपीओ डॉ अखिलेश कुमार (फाइल फोटो)

आगजनी और पत्थरबाजी की घटनाओं के बीच डा.अखिलेश ,डी एम किशनगंज महेन्द्र बाबू के कदम से कदम मिलाकर इस कांड पर बिजय प्राप्त कर अमन और शांति बहाल कर दी थी ।पर आज वे पुलिस सेवा से त्यागपत्र देकर साईंस कालेज पटना में व्याख्याता बनकर शिक्षा का अलख जगा रहे हैं ।उनसे  दूरभाष  पर आज जब किशनगंज टाइम्स ने उनसे संपर्क किया और उन दिनों की याद दिलाई तो डॉक्टर अखिलेश कुमार ने बड़ी  सहजता से कहा कि -भले मैं किशनगंज से विदा लिया हूं ,पर किशनगंज की यादों को मैं जीवन प्रयंत नहीं भूला पाऊंगा ।पुलिस पब्लिक मित्रता के बाद भी मैं आज पुलिस परिवार से जुड़े उन विद्यार्थियों को आमंत्रित करता हूं जो NEET /IIT/UPSC/BPSC /JRF -NET /CALT की पढ़ाई में मेरा मार्गदर्शन या सहायता चाहते हों तो मैं उन्हें अपनी सेवा देने को तैयार हूं ।उसमें पुलिस अधिकारी के बच्चों सहित चौकीदार / दफादार या होमगार्ड के बच्चे अगर सम्पर्क करना चाहें तो दोपहर 12:00 से 05 बजे संध्या तक मुझसे मेरे मोबाईल नं. 6206692145 पर सम्पर्क कर सकते हैं ।"फिर तो -"कुछ इस तरह से जुड़ गये -दिलों के धागे ।तुम वहाँ ,मैं यहाँ ,दोनों हीं रह गये आधे आधे "।


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