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राहत सामग्रियों को लेकर महादलित बस्ती में जाते अधिकारी। |
गरीब लाचारों की मदद में उठे किशनगंज पुलिस के हाथ।
किशनगंज (बिहार )- "जमाने में अजी ऐसे कई नादान होते हैं ,वहां ले जाते हैं कस्ती जहाँ तूफान होते हैं " ।और लाकडाऊंन की बिषम परिस्थितियों का मुकाबला करने,पुलिस चली निर्धन लाचारों की बस्तियों की ओर ,जहाँ मदद के लिए उठे किशनगंज पुलिस के हाथ।जहाँ जिले के एस पी कुमार आशिष की प्रेरणाओं से प्रेरित होकर बहादुरगंज पुलिस ने छेड़ा महत्वपूर्ण अभियान ।
बताते चलें कि बहादुरगंज थानाध्यक्ष सुमन कुमार ने अंचल पुलिस निरीक्षक राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में बी डी ओ और सी ओ के साथ महादलित बस्तियों की ओर निकल पड़े ।जहाँ बहादुरगंज एल आर पी सड़क से नीचे बसी महादलितों की बस्ती में उक्त टीम पहुंची ।
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बेबस लाचार सूरदास को सामान देते थानाध्यक्ष व अन्य। |
महादलित (आदिवासियों)में अनजाने भय से हडकंप मच गया ।कुछ लोग तो घर छोड़ कर भाग निकले थे ।पर खांखी के अन्दर छुपी ईंसानियत और थानाध्यक्ष की पुकार पर वे लौट गये ।देखा तो पुलिस निरीक्षक ,थानाध्यक्ष सहित बीडीओ और सीओ भोजन सामिग्रियों से भरे झोले लेकर खड़े मिले ।इस टीम ने बारी बारी से सोशल डिस्टेंस का ख्याल कराते इनके बीच झोलों का वितरण किया ।जिस पर लिखा था "घरों में रहना है ,कोरोना को भगाना है "।फिर राहत वितरण करने बाले काफिले ने आगे के सफर पर अपना कदम बढ़ा दिया ।लोहागड़ा पुल से नीचे आदिवासियों की बस्ती , जहाँ बाबा सूरदासजी एक छोटे से बच्चे के हाथों में पकड़े लाठी के सहारे इस टीम की ओर आते हैं ।उनके हाथों में थानाध्यक्ष सुमन आंटा ,चावल ,तेल -नमक ,बिस्कूट ,साबुन और आलू -प्याज से भरा झोला देते हैं ।सूरदास पूछते हैं - आपलोग कौन हैं और इस झोली में क्या है ?थोड़ी देर के लिए पदाधिकारियों और टीम में शामिल पुरुस महिला पी एस आई सभी की आंखें भर आती है ।उसी समय वहां मौजूद मड़ड़ अपनी भाषा में कहते हैं ,थाना के बोड़ो बाबू छे ।फिर तो सूरदास कहने लगे -पुलिस छे बहादुरगंज बाला ,ओह सोब पुलिस भाई जोहार जोहार ।हमको खाने को नय था ,भोगवान आपलोग को भला करे ।यह सिलसिला जारी रखते इस टीम ने चारघरिया ,तकिया आदि महादलितों के टोलों में राहत सामिग्रियों का वितरण करते अपनी मुकाम की ओर लौटने लगते हैं जहाँ "किशनगंज टाईम के प्रतिनिधि ने इन्हें रोककर थानाध्यक्ष सुमन कुमार से पूछा कि -ये सारे वितरित किये जा रहे सामानों का प्रवंध क्या सरकारी है ?थानाध्यक्ष ने बतलाया कि हमने सारे पुलिस पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर अपने वेतन का कुछ अंश देकर इसकी व्यवस्था की ,जिसका वितरण आज से शुरु किया गया है ।वितरण का सामान सभी पुलिस गस्तीदल के पास रहेगा ।जो अपने कर्तव्यों का पालन करते जरुरतमंदों के बीच इसका आवश्यकतानुसार वितरण करते रहेंगे ।ताकि निर्धन लाचार भूखा ना रहे।
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अधिकारियों की जत्था गाँव की ओर जाते हुए। |
किशनगंज से वरिष्ठ पत्रकार एसके झा की रिपोर्ट।
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