आदिकाल की मूर्ति। किशनगंज में पौराणिक मूर्ति का नदी में मिलने से, लोंगो में चर्चाओं का बाजार गर्म। किशनगंज टाइम्स के लिए अकिल आलम की रिपोर्ट। |
गुगुल सर्च से मिली तस्वीरों के हवाले से कहा जा सकता है कि -पौराणिक गोंडी नेताम राजवंश के किले में लगी माता मांगो और पिता लिंगो से यह मूर्ति मेल खाती है ।जो पिता लिंगो की हो सकती है ।इस विषय पर जानकारी लेने पहुंचे "किशनगंज टाईम्स "प्रतिनिधि को आदिवासी समाज के एक बुजुर्ग लंगर हांसदा ने इसकी आधी अधूरी पुष्टि भी की है और बतलाया कि छत्तीसगढ़ के बस्तर में इस तरह की मूर्तियों की पूजा की जाती है।फिलवक्त मूर्ति मिलने की जो कहानी उभर कर सामने आई है वह --बहादुरगंज नगर पंचायत वार्ड नं. 05 बिरनियां मरिया धार में मछली मारने से जुड़ी है ।जहाँ दूर दूर तक अलग अलग जगहों पर लोग मछलियों के शिकार के लिए इस मरिया धार में आये थे ।जहाँ पर मजाहिर ,हसन अल्वी ,बदरुद्दीन ,अजीमुद्दीन और मुस्फिक अलग अलग मछली जाल फेंक रहे थे ।जिसमें से एक अजीम के जाल में उक्त मूर्ति फंस गई ।कुछ देर के लिए अजीम ने सोचा शायद बड़ी मछली फंस चुकी है ।पर जाल को बाहर निकालते हीं मूर्ति नजर आई ।बालू और पानी में पड़ी मूर्ति बिल्कुल काली पड़ चुकी थी ।मूर्ति मिलते हीं हल्ला हुआ कि सोने की मूर्ति मिली है । यहां से दो किलोमीटर दूर पुलिस को इसकी सूचना मिली और आनन फानन में थानाध्यक्ष सुमन अपने दलबल के साथ यहाँ आ धमके ।जहाँ लोगों को अलग अलग देखकर थानाध्यक्ष ने चैन की सांसें ली और मिली मूर्ति को अपने कब्जे में ले लिया ।जहाँ लोगों से इसकी जांच करने की बातें कहकर थाना लौट आए ।जहाँ मूर्ति को सुरक्षित रखकर उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना भेजी है तथा उचित कार्यवाही में लगे हैं ।बताते चलें कि इससे लगभग दो माह पूर्व भी तस्करों से भगवान दिगंबर की सोने जैसी मूर्ति पुलिस ने जप्त की थी ।जिसकी जांच का खुलासा अब तक नहीं किया जा सका है ।वहीं अब दूसरी मूर्ति मिलने से लोगों के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म है।
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Wow
ReplyDeleteGajab
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