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लॉक डाउन में लाचार बेबसों का मददगार बनी किशनगंज पुलिस

बेबस बेटी को घर पहुंचाती पुलिस।

लॉक डाउन में लाचार बेबसों का मददगार बनी किशनगंज पुलिस।

किशनगंज टाइम्स के लिए शशिकांत झा की रिपोर्ट।

किशनगंज (बिहार )- "खामोश होठों के पीछे अल्फाजो का तूफान है ।
ये कलम तो बस उनकी यादों का एक मुकाम है "।
             यह किसी नाटक की काल्पनिक कथासार नहीं ,अपितु किशनगंज पुलिस के वास्तविक कलाकारों की कृतियों की अद्भुत कहानियां हैं ।जो जिला हीं नहींं प्रदेश और पूरे भारत में अपने निर्मल ,निःस्वार्थ चरित्रों का चित्रण करते हुए ,इसकी वास्तविकता से जनमानस के हृदयपटल पर अपना अमिट छाप छोड़ती जा रही है ।वह भी तब जब "कोरोना संक्रमण "के कारण लोग -लोगों से दूरियां बनाकर इस संक्रमण से बचाव की सावधानियां बरतने में लगे हैं ।ऐसी बिकट और विपदाओं की घड़ी में किशनगंज पुलिस किसी को खून देकर तो कहीं कैंसर के असहाय रोगी को ईलाज के लिए राजधानी पटना ले जा रही है ।तो कहीं लाचार -बेबस मूकबधिर बेटी को उसके माता पिता से मिला रही है ।जबकि भूखे ,निर्धन ,असहायों को भर पेट भोजन खिलाने की बातें मानों पुरानी हो गई हो ।किशनगंज पुलिस नित नये,अद्भुत एवं अविस्मरणीय वानगियों से अपने अन्दर छुपी मानवता के चित्रों का चित्रण करने में दिन रात लगी है।

सुंनन्दा शील को इलाज के लिए पटना ले जाती पुलिस।


    तो आईए आपको बहादुरगंज थानाध्यक्ष सुमन कुमार सिंह और उनकी अनूठे कारनामों से रु व रु कराते हैं ।जो 05 दिसंबर 2019 को बहादुरगंज थाना में अपना योगदान देकर ,एस पी कुमार आशिष के सफल निर्देशन में थाना और थाना क्षेत्रों के नक्शों को बदल दिया ।जहाँ वे लोगों के दिलों पर राज कर अपराध -अपराधियों ,विधि व्यवस्थाओं को समान्य बनाकर ,मानव सेवा को अपना धर्म बना लिया।जिस क्षेत्र में इनकी अनूठी पहलों के बखानों के लिए लेखनी भी थक सी जाती है ।लाकडाऊंन के समय विपत्तियों में फंसे लोगों को भोजन ,रोगियों के लिए बिहार में पहली पुलिस की मुफ्त एम्वुलेंस सेवा ,अग्नि पिड़तों की सहायता इनके रोजमर्रे की सेवाओं में शुमार है ।वहीं दुर्दांत अपराधियों की धरपकड़ से लेकर शराब एवं शराबियों पर पक्की नकेल कस देना हीं इनका असल परिचय है ।जिन्होने ने अपने सहयोगी अरुण कुमार सिंह और महिला पुलिस की जांवाजों के सहारे पटना में 25 दिनों से अटकी मूकवधिर बेटी को रायपूर खरखरी (ठाकुरगंज )लाकर उसके माता पिता से मिलवाया ।तो वहीं अगर पूर्व बहादुरगंज पुलिस निरीक्षक और अब मेजर साहब सुनील कुमार पासवान की मानव सेवा क्षेत्र में मार्मिक उदाहरण देखने को मिलेगा ।जहाँ केलाबाड़ी (किशनगंज )की सुनंदा शील पति दिनेश शील जो कैंसर रोग से पिड़त है ।जिन्हें इन्होने बहादुरगंज थाना एम्वुलेंस से महावीर कैंसर संस्थान पटना पहुंचाया ।जहाँ उनका इलाज चल रहा है ।अब कारनामें चाहे किशनगंज एस पी कुमार आशिष की हो जो इस कैंसर रोगी या फिर गरभनडंगा (दिघलबैंक )के कमल अग्रवाल को दवा पहुंचाने या फिर इति को खून दान देने की प्रेरणाओं के बीच आज किशनगंज की पुलिस सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट भूमिका निर्वाह करते अपने उच्चस्थों और बिहार पुलिस का नाम रौशन कर रही है।
एम्बुलेंस लेकर रोगी की प्रतीक्षा करते पुलिस पदाधिकारी।

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