बेबस ,लाचारों को किशनगंज बस स्टैंड में भोजन कराती पुलिस। |
"वर्दियों के अन्दर छुपी किशनगंज पुलिस का मानव प्रेम "एक अनोखा और प्रेरणादायक उदाहरण।
किशनगंज टाइम्स के लिए शशिकांत झा की रिपोर्ट।
किशनगंज (बिहार )- अहर्निश "सेवामहे" की परिकल्पनाओं को साकार करती किशनगंज पुलिस ने थके हारे और बेबस भूखों को भर पेट भोजन कराया तथा उनकी परेशानियों की जानकारियां लेकर उसे दूर किया।
यह कोई फिल्मी कहानी या फिर हालीवुड फिल्मी सीन नहीं हकीकत है ,जब रात के अंधेरों में कई राहगीर -मुसाफिर किशनगंज बस पड़ाव में पड़े थे ।लाकडाऊंन की हकीकतें ,कहीं रात को निकलने का डर ,ये सभी अपने होठों पर जीभ फिराकर मानो अपनी भूख मिटाने की कोशिशों में लीन थे।सुनसान और वियावान बस स्टेंड ,सारी दुकानों के शटर बंद ,सभी लोग किसी तरह रात अच्छी तरह बीत जाने की दुआऐं ईश्वर से मांग रहे थे ।ठीक उसी समय ईश्वर ने दो देवदूतों को वहां भेज दिया ।ये देवदूत और कोई नहीं ,ये थे किशनगंज पुलिस के दो पदाधिकारी पु• नि• मेजर एस के पासवान और नवनियुक्त आदर्श थाना किशनगंज के थानाध्यक्ष श्याम किशोर यादव ।पुलिस को आते देख वहां मौजूद लोगों के कलेजे भय से मुंह में आ गये थे ।जो जहां थे अपने शरीर को समेटकर निःशब्द पुतलों की तरह बन चुके थे ।पर कहते हैं कि ईश्वर सभी के निवालों का इन्तजाम करते हैं ।पुलिस निरीक्षक सुनील कुमार पासवान (मेजर साहब ) और थानाध्यक्ष श्याम किशोर यादव ने इनको भयमुक्त कर इनके भोजन की व्यवस्था की और भोजन कराया ।उन दृश्यों को याद कर ये बेबस लाचारों के होठ अचानक बुदबुदा उठते हैं -मालिक तेरा शुक्र है कि पुलिस को भेजकर आपने हमारे पेट भर दिये ।बताते चलें कि इन दिनों किशनगंज पुलिस लाकडाऊंन में जनसेवाओं के कई उत्कृष्ट उदाहरण लोगों के सामने पेशकर पुलिस के सहयोगी और मित्रवत व्यवहार का परिचय दे रहे हैं।
मेजर सुनील कुमार पासवान और किशनगंज थानाध्यक्ष श्याम किशोर यादव भोजन देते हुए। |
फलतः पुलिस के नाम पर मैदान छोड़कर भागने बाले अब इनके प्रेमपाश में लिपटते देखे जा सकते हैं ।फिर चाहे भूखों को भोजन ,नंगों को कपड़े या फिर किसी को जीवनदान देने में इनकी सेवाऐं लोगों के लिए ना भूलने बाले क्षण होंगे ।वह भी ऐसे समय में जब यहां के एस पी कुमार आशिष का आशिष किशनगंज पुलिस के मनोवलों को लोकसेवा के लिए उसकाते रहे हों।
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