पुलिसकेन्द्र किशनगंज के मे.पुलिस निरीक्षक एस के पासवान खाना बनाते। |
"समय" का सिपाही बनकर लोगों की मदद करती किशनगंज पुलिस।
किशनगंज टाइम्स के लिए शशिकांत झा की रिपोर्ट।
किशनगंज (बिहार )- बिहार पुलिस की किंवदंतियों पर मानवता की चादरें चढ़ाती किशनगंज पुलिस ,आज बेसहारों का सहारा ,बीमारों का हितैसी और भूखों को निवाला बनकर ,"पुलिस "के यथार्थों को लोगों के सामने स्थापित कर रही है ।जहाँ वरीय पदाधिकारी लोगों को सहायता पहुंचाने के लिए खुद से रसौईये की शक्ल में दिख जाते हैं ।जिनके लिए मानव सेवा भी अब ड्यूटियों में शामिल होकर , "बिहार पुलिस "की एक नई इवारतों को लिखने में मशगूल हैं ।
यह कोई नाटक का सीन नहीं ,बल्कि किशनगंज पुलिस की सरजमीं पर उतरती हकीकतें हैं । जिस पर किसी ने खुशियों के साथ इन चन्द लफ्ज़ों को शायरी के अंदाज में कही है -
"एक हीं तमन्ना रखते हैं अब अपने दिलों में ।
शिद्दतों से याद करो ,चाहे मुद्दतों के बाद करो "।।
फिर किशनगंज पुलिस के मुखिया एस पी कुमार आशिष ने हीं जब बेबस ,लाचारों की सेवा और भूखों को खाना खिलाने की ठानकर "घरों में रहना है ,कोरोना को भगाना है "का संदेशा किशनगंजवासियों भेजा है ।तो फिर रहवर की रहवरी में मातहतों का क्या कहना ।जहाँ न तो डर है ,ना कोई पावंदी हर कोई आगे बढ़कर अपने रहवर के नक्शे कदमों पर हर नेक काम को अंजाम देकर आगे बढ़ जाने की कोशिशें करते देखे जा सकते हैं ।ऐसा हीं एक वाकया अभी पिछले दिनों देखा गया ,जब पुलिस इन्सपेक्टर और मेजर सुनील कुमार पासवान ने अपने हाथों से पकाये खाना को लोगों में परोसा ।जिन्हें माड़वाड़ी समाज तेरापंथ संस्था की ओर से एक सौ भोजन के सामानों का पैकेट इन्हें सौंपा गया।
डी जी पी बिहार पटना पुलिस लाईन में ,तो बहादुरगंज थानाध्यक्ष सुमन सड़कों पर। |
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