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दिघलबैंक में सुनसान सड़कें ,सूने बाजारों से कोरोना को भगाने की तैयारियां मुकम्मल।

दिघलबैंक में सुनसान सड़कें ,सूने बाजारों से कोरोना को भगाने की तैयारियां मुकम्मल।

किशनगंज टाइम्स के लिए शशिकांत झा और अकिल आलम की संयुक्त रिपोर्ट।

बीडीओ और थानाध्यक्ष दिघलबैंक लोगों से लाकडाऊंन का पालन कराते हुए।

किशनगंज (बिहार )- कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तारों पर दिघलबैंक प्रखंड के ,कोरोना बेरियर्सों ने लिया अहम फैसला ,साप्ताहिक हाटों को किया बंद और तय समय पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आवश्यक सेवा बहाल रखने की सलाह दूकानदारों को दी ।जिसे लोग प्रशासन की "अनूठी पहल "का नाम दे रहे हैं ।

              साप्ताहिक हाटों में समानों की खरीदारी को लेकर बेवजह लगने बाली भीड़ को लेकर कोरोना बेरियर्सों ने एक संयुक्त फैसले के माध्यम से इसे पूरे प्रखंड क्षेत्रों में लागू कर दिया है ।जहाँ प्रखंड प्रशासन और पुलिस प्रशासन के सहयोग से इसे सौ फीसदी मुकम्मल बताया जा रहा है ।जैसा कि बी डी ओ दिघलबैंक पूरन साह और थानाध्यक्ष आरिज अहकाम की इस अनूठी पहल से जहाँ हाट बाजार अब वीरान हो चले हैं ।वहीं इसी संयुक्त प्रयासों के कारण अब सड़कों पर भी वीरानगी छाने लगी है ।किशनगंज एस पी से मिले आदेशानुसार क्षेत्र के सभी सड़कों पर वाहनों की  जांच की जा रही है ।जिसके कारण बेवजह सड़कों पर चलने बाले कथित मनचले दंड शुल्क देकर अब बाईकों को आराम देने में लगे हैं।
 सुनसान सड़कें ,सूनी दुकानें।

आज जब पुलिस किसी भी आपात स्थितियों में आमलोगों को सभी प्रकार का सहयोग देने को तैयार रहती है ।वैसे में बिना वजह सड़कों पर दो पहिया ,तिपहिया वाहनों को लाना कहीं से भी वाजिब नहीं माना जारहा है ।मिली जानकारियों के मुताबिक चौक चौराहों पर चोरी छुपे खुलने बाली दुकानों की संख्याऐं अब शून्य पर है ।जहाँ पुलिस गस्तीदल 05.30 मिनटों पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने से थोड़ी भी चूक नहीं करती है ।और शाम छः बजे के बाद यहां सन्नाटों के आलम को देखा जा सकता है ।भारत नेपाल की सीमाओं से सटे इन क्षेत्रों में लाकडाऊंन की सही हकिकतों को सुनकर नहीं देखकर महसूस की जा सकती है ।जिसे लेकर यहाँ कोरोना बेरियर्सों का जगह जगह पर स्वागत का सिलसिला भी तेज हो चुका है।

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