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ईंजीनियर का हाथ पुलिस के साथ ।दबाईयां खरीदकर पुलिस तक पहुंचाने में मददगार की भूमिकाओं में।


ईंजीनियर का हाथ पुलिस के साथ ।दबाईयां खरीदकर पुलिस तक पहुंचाने में मददगार की भूमिकाओं में।

किशनगंज पुलिस बंजारों की बस्तियों में।

किशनगंज (बिहार )- "कोरोना" जिसका नाम सुनकर हीं लोग सिहर उठते हैं ।पर कमाल तो है कोरोना बेरियर्सों की जो जान की परवाह किये बिना लोगों के बीच पहुंचकर उनकी सेवा में लगे हैं ।जिसके बीच बस एक हीं नाम लोग ले रहे हैं - पुलिस पुलिस और केवल बिहार की पुलिस ।जिनके द्वारा जान हथेलियों पर रख सभी जगह मुस्तैद देखे जा रहे हैं ।इसी कड़ी में एक अहम भूमिकाओं में दिख जाते हैं ईंजिनियर आशिष ,जो पुलिस की मदद
करने के लिए अपनी जान पर खेलकर पुलिस सेवा के लिए पटना से दवाइयों को खरीद कर जिले के विभिन्न थानाओं में भेज रहे हैं ।
                 एक तरफ जहाँ किशनगंज शहर के बंजारों की बस्तियों में पुलिस निरीक्षक सह मेजर सुनील कुमार पासवान किशनगंज पुलिस का नेतृत्व एस पी के निर्देश पर कर भोजन के वितरण में लगे हैं ।तो दूसरी तरफ इनके टीम सदस्य खोज खोजकर बेबस लाचारों को भोजन कराने की होड़ में लगे हैं ।इस कड़ी में आईऐ आपको लिए चलते हैं जिले के कोढ़ोबाड़ी थानान्तर्गत बनबरिया गांव की ओर ।जहाँ मो.सिद्दिक आलम (45) किडनी रोग से प्रभावित होकर दवा के लिए तडपते देखे गये ।जो इसकी खबर एस पी किशनगंज कुमार आशिष को दी ,जहाँ से एस पी  ने ऐसे समय में बहादुरगंज थानाध्यक्ष सुमन को याद किया ।फिर क्या था एस पी का आदेश मिलते हीं इन्होने संजीवनी बटी लाने की जिम्मेदारी ईंजिनियर आशिष को सोंपी।
ईंजिनियर आशिष पटना के दवा दुकान से दवाईयां खरीदते।

जहाँ पटना से ईंजिनियर साहब ने दवा खरीदकर बहादुरगंज थाना को भेजा ।अंधेरी रात देहाती गांव में जाने के लिए थानाध्यक्ष सुमन सिंह ने युवा संगठन के डा.सादाव और उनके साथियों को लेकर निकल पड़े ।बीती रात आई आंधी में सड़क पर गिरे पेड़ को युवा संगठन के साथियों ने काटकर हंटाया और पहुंच गये सुमन जी को लेकर सिद्दिक के घर ।इस टीम के मुखिया थानाध्यक्ष बहादुरगंज ने जब दबाईयां सिद्दिक के हाथों में दी और कहा कि एस पी साहब ने भेजा है तो -परिवार के सदस्यों सहित सिद्दिक के आंखों में आंसू भर आये ।उन्होंने कहा अल्लाह तवारक आपलोगों की हर तकलीफों को दूर करे ,पुलिस को हमारी उमर लगे ।कहने को पुलिस ,पर लाकडाऊंन और कैरोना के भय से जहाँ लोग अपने को बंद दरवाजों से बाहर नहीं निकाल रहे हैं ,वहां पुलिस सेवा के लिए तत्परता से मदद में लगी है ।लोग कहते सुने गये कि जैसे किशनगंज  पुलिस ने भाटाबाड़ी को गोद लिया ,ठीक उसी तरह अपने परिवारजनों की पुलिस देखभाल भी कर रही है।
बनबरिया गांव में सिद्दिक को दवा पहुंचाते थानाध्यक्ष सुमन।
किशनगंज टाइम्स के शशिकांंत झा की रिपोर्ट।

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