बिहार के गौरव बने बहादुरगंज थानाध्यक्ष सुमन कुमार।
किशनगंज (बिहार )- बिहार पुलिस को आप जैसे पदाधिकारी पर गर्व है ।जिनकी पत्नी बीमार होकर दिल्ली के एम्स में पड़ी है ।जिसका ईलाज भाई करा रहा है ।एक छःसाल का लड़का नाना नानी के पास रहकर आपको खोजता होगा ।और आप कोराना युद्ध की पहली पंक्ति में खड़े होकर इससे लड़ रहे हैं,गरीबों लाचारों की सेवा में लगे हैं ।लाकडाऊंन के बाद आपको मैं पटना बुलाकर "कोरोनावीर" उपाधि से सम्मानित करुंगा । उक्त बातें करते बिहार पुलिस के महानिदेशक माननीय गुप्तेश्वर पाण्डेय ने थानाध्यक्ष बहादुरगंज सुमन कुमार सिंह से टेलीफोन पर बातें करते हुए कही।
थानाध्यक्ष सुमन कुमार सिंह ,जिनकी पत्नी अलका अभी एम्स दिल्ली में हैं,जहाँ इलाज सुमन के भाई करा रहे हैं ।इनका एक मात्र बेटा सिद्धांत (06) अपने नानी नाना के साथ पटना में रहता है और फोन कर पापा पापा ,मम्मी मम्मी की रट लगाये हुए रहता है ।पर सुमन कुमार बहादुरगंज (किशनगंज )और आसपास के इलाके में कोरोना को भगाने की लड़ाईयां लड़ रहे हैं ।जहां ये पुलिस नहीं , जनसेवक की भूमिकाओं में लोगों की सेवा में रहकर भोजन ,दवाईयाँ ,और बेबस लाचारों को सहारा देकर उनके दुखों के भागीदार बन चुके हैं ।जिसका मार्गदर्शन स्वयं किशनगंज के एस पी कुमार आशिष करते रहे हैं ।05 दिसम्बर 2018 की वह रात ,जब सुमन कुमार बहादुरगंज के थानाध्यक्ष बनकर यहां आये थे ।जहाँ आते हीं अपने दायित्वों को समझकर बहादुरगंज को अपनी सेवाऐं देने में जुट गये ।एक बर्ष के अन्दर ये लोग के और लोग इनके हो गये ।पुलिसिंग के सभी पहलुओं पर कड़ी मेहनत से जहाँ ये ला एन्ड आर्डर ,क्राईम कंट्रोल ,एवं अन्य कार्यों को अपने अंजाम तक पहुंचाया ।तथा योगदान के साथ हीं 18 सर्किल के इतने बड़े थाना को सुगमता पूर्वक चलाने के लिए इन्होने पूरे थानाक्षेत्र के 20 पंचायतों और 18 नगर पंचायतों को कई सेक्टरों में बांटकर एक प्रभारी को नियुक्त किया ।जहाँ सेक्टर की सारी समस्याओं को हल करने की जिम्मेदारियां उनको सोंप दी ।और स्वयं सबों को सहयोग करने में लग गये ।सेक्टर निर्माण के साथ इन्होने आमलोगों से आमने सामने संवाद करने के लिए झिंगाकाटा ईस्तमरार पंचायत के धीमटोला पंचायत भवन में पहली बैठक की ।जिसमें एस पी साहब तो नहीं पहुंच पाये ,पर तत्कालीन एस डी पी ओ डा.अखिलेश कुमार इस बैठक में सम्ल्लित होकर थानाध्यक्ष की बहुत तारीफें की।
बताते चलें कि थाना के पावर के डीसेन्ट्रलाईजेशन की नायाव तरकीब को उस समय जिले के एस पी सहित बिहार ने भी सराहा था ।और यहीं से ये जनता के दिलों में उतरते चले गये ।जहाँ युवा और तेजतर्रार समाज सेवक एवं जिप प्रतिनिधि इमरान आलम और सरपंच मो.नसीम इनके साथ जुड़ गये ।फिर तो अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए प्रशासन सहित आमजनों का इन्हें साथ मिल गया ।किशनगंज के एस पी कुमार आशिष ,जो अपराध नियंत्रण को लेकर किशनगंज के दिलों में अपनी जगह मुकम्मल कर ली थी, की पैनी नजरें बहादुरगंज पर जम चुकी थी ।जहाँ इस कर्मवीर को उनका मार्गदर्शन और सहयोग मिलता गया ।कहने का सीधा मतलव है कि अपने पुलिस कप्तान की उनके दिलों की हसरतों को समझ लिया था और उन्हीं के रास्तों पर सुमन चल पड़े ।शराब तस्करों पर मजबूत नकेल ,अपराधियों के घरों में सेंध ,मनचलों के लिए भय और असहाय -लाचारों के लिए सहयोगी बने थानाध्यक्ष की मेहनतों ने रंग दिखाना शुरु कर दिया ।और 24 फरवरी 2020 का वह दिन भी आया ,जब पुलिस सप्ताह पर आयोजित एक कार्यक्रम में जिले के एस पी कुमार आशिष एक कार्यक्रम में भाग लेने थानाक्षेत्र के भाटाबाड़ी गांव पहुंचे थे ।उस वक्त उन्हें यह पता नहीं था कि सुमन कुमार अपने कर्मों के वदौलत जनता के दिलों में अपनी जगह पक्की कर रखी है ।जहाँ पहुंचते हीं लोगों ने "किशनगंज पुलिस जिन्दाबाद "के नारों के बीच एस पी साहब को फूलों से लाद दिया था । मानों मेघ से पानी नहीं फूलों की बर्षा हो रही थी ।इसके साथ हीं सुमन ने इसी अवसर पर जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में दो दिन पहले इस जिला में देने बाले डी एम आदित्य प्रकाश और एस पी कुमार आशिष ने इन्हें "बेस्ट थाना के बेस्ट थानाध्यक्ष 'का एवार्ड सोंपा था ।
आज वहीं सुमन कुमार सिंह बिहार के "कोरोनावीर" बनकर लोगों की सेवा करते हुए , अपने पथप्रदर्शक और आदरणीय अभिभावक एस पी कुमार आशिष के आषिशों की छांव में लोगों के दीनवंधु बन जिला सहित बिहार पुलिस के नाम का डंका पीट रहे हैं ।जहाँ पुलिस महकमाओं सहित बहादुरगंज के आमजनों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है।
किशनगंज (बिहार )- बिहार पुलिस को आप जैसे पदाधिकारी पर गर्व है ।जिनकी पत्नी बीमार होकर दिल्ली के एम्स में पड़ी है ।जिसका ईलाज भाई करा रहा है ।एक छःसाल का लड़का नाना नानी के पास रहकर आपको खोजता होगा ।और आप कोराना युद्ध की पहली पंक्ति में खड़े होकर इससे लड़ रहे हैं,गरीबों लाचारों की सेवा में लगे हैं ।लाकडाऊंन के बाद आपको मैं पटना बुलाकर "कोरोनावीर" उपाधि से सम्मानित करुंगा । उक्त बातें करते बिहार पुलिस के महानिदेशक माननीय गुप्तेश्वर पाण्डेय ने थानाध्यक्ष बहादुरगंज सुमन कुमार सिंह से टेलीफोन पर बातें करते हुए कही।
थानाध्यक्ष सुमन कुमार सिंह ,जिनकी पत्नी अलका अभी एम्स दिल्ली में हैं,जहाँ इलाज सुमन के भाई करा रहे हैं ।इनका एक मात्र बेटा सिद्धांत (06) अपने नानी नाना के साथ पटना में रहता है और फोन कर पापा पापा ,मम्मी मम्मी की रट लगाये हुए रहता है ।पर सुमन कुमार बहादुरगंज (किशनगंज )और आसपास के इलाके में कोरोना को भगाने की लड़ाईयां लड़ रहे हैं ।जहां ये पुलिस नहीं , जनसेवक की भूमिकाओं में लोगों की सेवा में रहकर भोजन ,दवाईयाँ ,और बेबस लाचारों को सहारा देकर उनके दुखों के भागीदार बन चुके हैं ।जिसका मार्गदर्शन स्वयं किशनगंज के एस पी कुमार आशिष करते रहे हैं ।05 दिसम्बर 2018 की वह रात ,जब सुमन कुमार बहादुरगंज के थानाध्यक्ष बनकर यहां आये थे ।जहाँ आते हीं अपने दायित्वों को समझकर बहादुरगंज को अपनी सेवाऐं देने में जुट गये ।एक बर्ष के अन्दर ये लोग के और लोग इनके हो गये ।पुलिसिंग के सभी पहलुओं पर कड़ी मेहनत से जहाँ ये ला एन्ड आर्डर ,क्राईम कंट्रोल ,एवं अन्य कार्यों को अपने अंजाम तक पहुंचाया ।तथा योगदान के साथ हीं 18 सर्किल के इतने बड़े थाना को सुगमता पूर्वक चलाने के लिए इन्होने पूरे थानाक्षेत्र के 20 पंचायतों और 18 नगर पंचायतों को कई सेक्टरों में बांटकर एक प्रभारी को नियुक्त किया ।जहाँ सेक्टर की सारी समस्याओं को हल करने की जिम्मेदारियां उनको सोंप दी ।और स्वयं सबों को सहयोग करने में लग गये ।सेक्टर निर्माण के साथ इन्होने आमलोगों से आमने सामने संवाद करने के लिए झिंगाकाटा ईस्तमरार पंचायत के धीमटोला पंचायत भवन में पहली बैठक की ।जिसमें एस पी साहब तो नहीं पहुंच पाये ,पर तत्कालीन एस डी पी ओ डा.अखिलेश कुमार इस बैठक में सम्ल्लित होकर थानाध्यक्ष की बहुत तारीफें की।
सुमन सिंह एवं उनकी बीमार पत्नी (फाइल फोटो) |
बताते चलें कि थाना के पावर के डीसेन्ट्रलाईजेशन की नायाव तरकीब को उस समय जिले के एस पी सहित बिहार ने भी सराहा था ।और यहीं से ये जनता के दिलों में उतरते चले गये ।जहाँ युवा और तेजतर्रार समाज सेवक एवं जिप प्रतिनिधि इमरान आलम और सरपंच मो.नसीम इनके साथ जुड़ गये ।फिर तो अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए प्रशासन सहित आमजनों का इन्हें साथ मिल गया ।किशनगंज के एस पी कुमार आशिष ,जो अपराध नियंत्रण को लेकर किशनगंज के दिलों में अपनी जगह मुकम्मल कर ली थी, की पैनी नजरें बहादुरगंज पर जम चुकी थी ।जहाँ इस कर्मवीर को उनका मार्गदर्शन और सहयोग मिलता गया ।कहने का सीधा मतलव है कि अपने पुलिस कप्तान की उनके दिलों की हसरतों को समझ लिया था और उन्हीं के रास्तों पर सुमन चल पड़े ।शराब तस्करों पर मजबूत नकेल ,अपराधियों के घरों में सेंध ,मनचलों के लिए भय और असहाय -लाचारों के लिए सहयोगी बने थानाध्यक्ष की मेहनतों ने रंग दिखाना शुरु कर दिया ।और 24 फरवरी 2020 का वह दिन भी आया ,जब पुलिस सप्ताह पर आयोजित एक कार्यक्रम में जिले के एस पी कुमार आशिष एक कार्यक्रम में भाग लेने थानाक्षेत्र के भाटाबाड़ी गांव पहुंचे थे ।उस वक्त उन्हें यह पता नहीं था कि सुमन कुमार अपने कर्मों के वदौलत जनता के दिलों में अपनी जगह पक्की कर रखी है ।जहाँ पहुंचते हीं लोगों ने "किशनगंज पुलिस जिन्दाबाद "के नारों के बीच एस पी साहब को फूलों से लाद दिया था । मानों मेघ से पानी नहीं फूलों की बर्षा हो रही थी ।इसके साथ हीं सुमन ने इसी अवसर पर जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में दो दिन पहले इस जिला में देने बाले डी एम आदित्य प्रकाश और एस पी कुमार आशिष ने इन्हें "बेस्ट थाना के बेस्ट थानाध्यक्ष 'का एवार्ड सोंपा था ।
आज वहीं सुमन कुमार सिंह बिहार के "कोरोनावीर" बनकर लोगों की सेवा करते हुए , अपने पथप्रदर्शक और आदरणीय अभिभावक एस पी कुमार आशिष के आषिशों की छांव में लोगों के दीनवंधु बन जिला सहित बिहार पुलिस के नाम का डंका पीट रहे हैं ।जहाँ पुलिस महकमाओं सहित बहादुरगंज के आमजनों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है।
रिपोर्ट- शशिकांत झा |
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