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किशनगंज पुलिस के खौफ से खौफजदा 10 नंबरी ने किया आत्मसमर्पण।

किशनगंज पुलिस के खौफ से खौफजदा 10 नंबरी ने किया आत्मसमर्पण।

एक्सक्लूसिव रिपोर्ट - शशि कान्त झा की कलम से।

शम्स जफर (फाइल फोटो)

किशनगंज (बिहार )-  किशनगंज पुलिस के खौफ से खौफजदा कुख्यात ने किया आत्मसमर्पण, इजहार से शुरु होकर शम्स पर आकर कहानी हुई खत्म ।इस्तिहार चिपकाने में ढोल और शहनाई पर छपी "किशनगंज टाईम्स 'की खबर का असर ।
                  अभी अभी की तो बात है ,जब 09.01.20 को इजहार ग्राम रामपूर ,वार्ड नं.02 को बहादुरगंज थानाध्यक्ष सुमन जी ने धर दबोचा था ।जिसके गिरफ्तार होते हीं,बहादुरगंज और आसपास के ईलाकों में एक नये अपराधी गैंग के बनने का खुलाशा हुआ था ।जिस गैंग में एक से बढ़कर एक अपराधियों के द्वारा गोली चलाकर ,यहाँ के ठहरे पानी में हलचल मचा दिया था ।इसके बाद हीं बहादुरगंज पुलिस और अपराधियों के बीच चूहे -बिल्लियों का खेल शुरु हो गया ।तब कहीं जाकर इस गैंग के अपराधी एक के बाद एक ,कोई जोकी तो कोई अररिया और कोई बंगाल से लेकर फारविसगंज तक पुलिस के द्वारा गिरफ्तार होते चले गये ।चुक्का का बेटा मुक्का के गिरफ्तार होते हीं शम्स आलम उर्फ शम्स जफर पिता -अनस जफर उर्फ अहसनुल जफर ,पीपलतोड़ा ,थाना अनगढ़ जिला पूर्णियाँ की आखरी बारी आई तो वह बिल में घुस गया ।जिसे बिल से निकालने के लिए पूर्णियाँ पुलिस (अनगढ़ ) थाना को माननीय न्यायालय ने कुर्की से पूर्व इस्तिहार जारी कर दिया ।जहाँ पुलिस ने ढोल बाजे और पिपही बजाकर इस्तिहार को उसके घर में चिपकाया ।जिससे डरकर वह बीते दिन आत्मसमर्पण कर सलाखों के भीतर चला गया।
अनगढ़ (पूर्णियाँ ) पुलिस इस्तिहार चिपकाने में।


सनद रहे कि बहादुरगंज थाना कांड सं.06/20 ,07/20 और 340/19 में अररिया के मुर्गी व्यापारी से लूटकर गोली मारने की घटना ने इस गैंग को इसके अंजाम तक पहुंचाकर हीं दम लिया ।सूत्रों के मुताविक नौवें अपराधी के बाद का यह दस नंबरी अब सलाखों के पीछे है ।

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