इन्सानों को प्यार करो ,यही सबसे बड़ी है पूजा।
किशनगंज टाइम्स के लिए अकील आलम की विशेष रिपोर्ट।
किशनगंज (बिहार )- कहते हैं कि-ये तो सच है कि भगवान है ,जो अच्छा संस्कार देकर ईंसानों को पैदा करता है ।जिस संस्कार पर जब कलम चलती है तो सच्चाइयों को वयां करने के लिए अपना दमखम लगाती है ।तो लोगों की सोच कभी उल्टी तो कभी सीधी होती रहती है ।पर आज की जो हकीकत है वह भी अजुबी है ,और इस हकीकत की नायिका हैं स्वयं श्रीमती अलका सिंह जो धर्मपत्नी हैं उसी बहादुरगंज थानाध्यक्ष सुमन कुमार की ।जो अभी दिल्ली के एम्स में इलाजरत हैं ।तथा सुमन लोगों के साथ मिलकर कोरोना की लड़ाई लड़ रहे हैं ।
2020 जनवरी की भयानक शीतलहर ,सिकुड़न और जकड़न से परेशान लोग घरों में दुबके पड़े थे ।01 जनवरी का दिन रहा होगा ,जब अल्का ने हाड़ कपांने बाली ठंढ के बीच एक महादलित परिवार के बारे में सोचने लगी ।और हटात इन्होने अपनी इच्छा पति को बताई ।फिर क्या था "एक करेला ,दूजा नीम की कहाबत फीट बैठ गई ।सेवा भावनाओं से पुलिस़िग में लगे सुमन ने महादलितों की बस्ती को आमंत्रित कर दिया ।फिर तो देखने लायक सीन था।
दो दर्जन भर महिलाएं थानाध्यक्ष के डेरे पर जमा हो गये ।पर प्यार दुलार और माता पिता का स्नेह क्या होता है ,आईऐ आपको बताऐं -- थानाध्यक्ष ने लपककर एक बच्चे को उसकी मॉं की गोद से झपट कर गोद में लिया ।तो अल्का ने मिठाई दिखाई तो बच्चे ने मुंह खोल दिया और ममता की देवी ने बड़े चाव से उसे मिठाई खिलाती रही ।इस बीच सुमन कुमार चूकने बाले नहीं थे ,बाजार से आनन फानन में कंबल मंगाकर सभी को आदर पूर्वक ओढ़ा कर विदा किया ।यह कोई नाटक नहीं था ,बल्कि आज भी सुमन कुमार थानाध्यक्ष की जिम्मेंदारियों को निभाते ,लोकसेवा में रहकर किशनगंज पुलिस का झंडा लहराते नजर आ रहे हैं।
किशनगंज टाइम्स के लिए अकील आलम की विशेष रिपोर्ट।
महादलित नन्हें को मिठाई खिलाती अलका। |
अकील आलम |
2020 जनवरी की भयानक शीतलहर ,सिकुड़न और जकड़न से परेशान लोग घरों में दुबके पड़े थे ।01 जनवरी का दिन रहा होगा ,जब अल्का ने हाड़ कपांने बाली ठंढ के बीच एक महादलित परिवार के बारे में सोचने लगी ।और हटात इन्होने अपनी इच्छा पति को बताई ।फिर क्या था "एक करेला ,दूजा नीम की कहाबत फीट बैठ गई ।सेवा भावनाओं से पुलिस़िग में लगे सुमन ने महादलितों की बस्ती को आमंत्रित कर दिया ।फिर तो देखने लायक सीन था।
दो दर्जन भर महिलाएं थानाध्यक्ष के डेरे पर जमा हो गये ।पर प्यार दुलार और माता पिता का स्नेह क्या होता है ,आईऐ आपको बताऐं -- थानाध्यक्ष ने लपककर एक बच्चे को उसकी मॉं की गोद से झपट कर गोद में लिया ।तो अल्का ने मिठाई दिखाई तो बच्चे ने मुंह खोल दिया और ममता की देवी ने बड़े चाव से उसे मिठाई खिलाती रही ।इस बीच सुमन कुमार चूकने बाले नहीं थे ,बाजार से आनन फानन में कंबल मंगाकर सभी को आदर पूर्वक ओढ़ा कर विदा किया ।यह कोई नाटक नहीं था ,बल्कि आज भी सुमन कुमार थानाध्यक्ष की जिम्मेंदारियों को निभाते ,लोकसेवा में रहकर किशनगंज पुलिस का झंडा लहराते नजर आ रहे हैं।
0 Comments