एसपी नहीं जिलावासियों की चिंता में लगे और लोगों के खास कुमार आशिष की विशेष और बेशकीमती अपील।【क्या हम उनका साथ निभाऐंगे】
विशेष कॉलम
किशनगंज (बिहार)- बिहार में धीरे-धीरे कोरोना की स्थितियां विकट हो रही है. बिहार में कोरोना के जन-संक्रमण का दौर शुरू हो चुका है. इस स्थिति में कोरोना को रोकने के लिए जन- जन की भागीदारी बहुत जरूरी है, अगर लोग अपने-आप को सुरक्षित रखेंगे, लक्षण होने पर जांच और इलाज के लिए स्वयं आगे आएंगे तो समय रहते मुक्कमल इलाज होगा, मृत्यु दर भी कम होगी और इससे हम इस वैश्विक महामारी का व्यापक प्रसार भी रोक पाएंगे, क्योंकि ट्रांसमिशन की चेन लोगों के जरिए ही फैलती है.
वर्तमान समय में बड़ी संख्या में बिहार के प्रवासी बन्धु-बान्धव वापस बिहार लौट कर आ चुके हैं और आ भी रहे हैं। यहाँ यह बताना भी मुफीद होगा की किसी के किसी तरीके से आने में वर्तमान में प्रशासन द्वारा कोई रोक नहीं लगायी है. अत: जो भी इन दिनों अपने गाँव-घर लौटना चाहते हैं, SOP और नियमों का पालन करते हुए बेशक लौटें. मगर इस स्थिति में प्रशासन के साथ-साथ आम नागरिक की भी जिम्मेवारी बनती है कि हम सावधान रहें-- हमारे घर या समाज में जो भी बाहर से आये, भले ही कितना भी अपना क्यों ना हो-- वो बाकायदा इलाज का SOP पूरा करके आएं, किसी को भी बिना इलाज जांच के घर-समाज में घुसने-रहने ना दें, वरना घर के बाकी सदस्यों की जान पर आफत होगी इसलिए मोह-ममता में ना पड़ें. हमें पता नहीं है कि जो लोग आ रहे हैं, कोरोना के मामले उनकी स्थिति क्या है।
वैसे तो प्रशासन अपना काम बखूबी कर रही है पर यकीनन ये परिस्थितियां अभूतपूर्व है, इससे पहले ऐसा कभी किसी ने ना देखा ना सुना. फिर भी मानवता को बचाने के लिए प्रशासन पूरी शक्ति के साथ कार्य कर रहा है. बहुत संभव है की शुरूआती दिनों में कुछ समस्याएं होंगी. अगर किसी क्वारंटाइन केंद्र में कुछ कमी है, या और ज्यादा सुविधाओं की जरुरत है तो अविलम्ब प्रशासन को खबर करें साथ ही थोडा धीरज रखें- सब्र करें. खुद से ठीक करने की कोशिश ना करें. ध्यान रखें की आप क्वारंटाइन केन्द्रों का चक्कर बिलकुल ना लगायें, ना ही भोजन-पानी-चाय देने की जिद्द करें, ना ही अपने परिजनों से मिलने-जुलने की होड़ लगायें रखें. ये आपके एवं आपके परिवार के लिए अत्यंत हानिकारक होगा. वैसे लोग जिन्हें खुद पॉजिटिव होने पर भी कोरोना वायरस हानि नहीं पहुंचा पाता, परन्तु उनके माध्यम से ये फैलता है तथा जिनकी उम्र ज्यादा है या जिन्हें पहले से कोई गंभीर बिमारी है, उनके लिए ये लाइलाज साबित हो सकता है, उनकी जान-जाने का खतरा होता है. पूरे विश्व में अब तक तीन लाख 12 हज़ार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. फिर आप सोचिए, कैसे इस बीमारी से बचा जाए. कम से कम अपने और परिवार के जीवन की चिंता करें। घर में रहें, अभी दोस्ती और रिश्तेदारी निभाने बिल्कुल ना जायें। मास्क पहनकर हीं रहें। बेवजह बाहर निकलने से शर्तिया तौबा करें। कुछ निम्नांकित व्यावहारिक उपाय किये जा सकते हैं:
1. घर का सिर्फ एक स्वस्थ सदस्य ही बाहर के आवश्यक कार्य करे, बच्चे, बुजुर्ग और अन्य सदस्य किसी के संपर्क में आने से बचें।
2. बाहर से सामान लाने वाला सदस्य, सुबह नहाने से पहले ही दूध, सब्जी, राशन खरीद कर ले आये। सब्जी और दूध की थैलियों को घर के बाहर ही या सिंक में डाल कर पानी से अच्छे से धो लें। अन्य सामान का थैला यदि आवश्यक न हो तो 1-2 दिन रखा रहने दें। काम में लेने से पूर्व भी पैकेट्स को गीले कपड़े से साफ कर, अपने हाथ अच्छी तरह धो लें।
3. बाहर से सामान लाने वाला सदस्य मास्क/गमछा लगाकर ही बाहर जाए, वापस आकर बिना किसी के संपर्क में आये, बिना घर की चीजों को छुए, स्नान कर लें और कपड़ों को धो ले।
4. अपने मोबाइल, वॉलेट और पैसों को सैनिटाइजर छिड़ककर साफ कर लें ।
5.घर के कामकाजी और बाहर जाने वाले सदस्य को रहने के लिए एक अलग बाहर का कमरा निर्धारित कर दें, उनके निकट संपर्क में आने से बचें।
6. गर्म पानी का प्रयोग समय-समय पर करते रहें। ग्रीन टी, लेमन टी का प्रयोग लाभदायक है। वाष्प लेना भी अति लाभदायक है। काढ़े का प्रयोग, नीबू, संतरा, लहसुन, अदरख, हल्दी, लोंग, कालीमिर्च, तुलसी के पत्ते इत्यादि का प्रयोग अपनी दिनचर्या में शामिल करना अच्छा है। पानी खूब पियें। गर्मागर्म ताज़ा भोजन का सेवन करें।
7. तेज़ धूप विषाणुओं को मारने वाला मुफ्त-प्राकृतिक सेनेटाइजर है। इसका लाभ अवश्य उठाएं।
8. AC का प्रयोग करने से बचें, फ्रिज के ठंडे पानी का प्रयोग न करें।बीमार होने से बचें।
9. बिल्कुल भी पैनिक और परेशान न हों, उपरवाले का ध्यान-इबादत करे, आरोग्य सेतु app download कर लें।
10. दो गज़ दूरी का ध्यान रखें और बार-बार अपने हाथ अच्छी तरह धोएं, सेनिटाइज करते रहें.
कोरोना का इलाज कोरोना होने कारणों में ही छुपा है--उन्हें पहचाने, उन गलतियों को बिल्कुल ना दोहराएँ। ये खतरा वास्तविक और अवश्यंभावी है। प्रशासन के दिए गए निर्देशों का हमेशा पालन करें-- किसी को दिखाने या छुपाने के लिए नहीं-- खुद और अपने परिवार को इस महामारी से बचाने के लिए। आइये, इस अभियान में सकारात्मक भूमिका निभाएं, कोरोना को दूर भगाएँ।
कोरोना हारेगा देश जीतेगा
धन्यवाद
एसपी किशनगंज
कुमार आशीष एसपी किशनगंज |
विशेष कॉलम
अकील आलम |
वर्तमान समय में बड़ी संख्या में बिहार के प्रवासी बन्धु-बान्धव वापस बिहार लौट कर आ चुके हैं और आ भी रहे हैं। यहाँ यह बताना भी मुफीद होगा की किसी के किसी तरीके से आने में वर्तमान में प्रशासन द्वारा कोई रोक नहीं लगायी है. अत: जो भी इन दिनों अपने गाँव-घर लौटना चाहते हैं, SOP और नियमों का पालन करते हुए बेशक लौटें. मगर इस स्थिति में प्रशासन के साथ-साथ आम नागरिक की भी जिम्मेवारी बनती है कि हम सावधान रहें-- हमारे घर या समाज में जो भी बाहर से आये, भले ही कितना भी अपना क्यों ना हो-- वो बाकायदा इलाज का SOP पूरा करके आएं, किसी को भी बिना इलाज जांच के घर-समाज में घुसने-रहने ना दें, वरना घर के बाकी सदस्यों की जान पर आफत होगी इसलिए मोह-ममता में ना पड़ें. हमें पता नहीं है कि जो लोग आ रहे हैं, कोरोना के मामले उनकी स्थिति क्या है।
वैसे तो प्रशासन अपना काम बखूबी कर रही है पर यकीनन ये परिस्थितियां अभूतपूर्व है, इससे पहले ऐसा कभी किसी ने ना देखा ना सुना. फिर भी मानवता को बचाने के लिए प्रशासन पूरी शक्ति के साथ कार्य कर रहा है. बहुत संभव है की शुरूआती दिनों में कुछ समस्याएं होंगी. अगर किसी क्वारंटाइन केंद्र में कुछ कमी है, या और ज्यादा सुविधाओं की जरुरत है तो अविलम्ब प्रशासन को खबर करें साथ ही थोडा धीरज रखें- सब्र करें. खुद से ठीक करने की कोशिश ना करें. ध्यान रखें की आप क्वारंटाइन केन्द्रों का चक्कर बिलकुल ना लगायें, ना ही भोजन-पानी-चाय देने की जिद्द करें, ना ही अपने परिजनों से मिलने-जुलने की होड़ लगायें रखें. ये आपके एवं आपके परिवार के लिए अत्यंत हानिकारक होगा. वैसे लोग जिन्हें खुद पॉजिटिव होने पर भी कोरोना वायरस हानि नहीं पहुंचा पाता, परन्तु उनके माध्यम से ये फैलता है तथा जिनकी उम्र ज्यादा है या जिन्हें पहले से कोई गंभीर बिमारी है, उनके लिए ये लाइलाज साबित हो सकता है, उनकी जान-जाने का खतरा होता है. पूरे विश्व में अब तक तीन लाख 12 हज़ार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. फिर आप सोचिए, कैसे इस बीमारी से बचा जाए. कम से कम अपने और परिवार के जीवन की चिंता करें। घर में रहें, अभी दोस्ती और रिश्तेदारी निभाने बिल्कुल ना जायें। मास्क पहनकर हीं रहें। बेवजह बाहर निकलने से शर्तिया तौबा करें। कुछ निम्नांकित व्यावहारिक उपाय किये जा सकते हैं:
1. घर का सिर्फ एक स्वस्थ सदस्य ही बाहर के आवश्यक कार्य करे, बच्चे, बुजुर्ग और अन्य सदस्य किसी के संपर्क में आने से बचें।
2. बाहर से सामान लाने वाला सदस्य, सुबह नहाने से पहले ही दूध, सब्जी, राशन खरीद कर ले आये। सब्जी और दूध की थैलियों को घर के बाहर ही या सिंक में डाल कर पानी से अच्छे से धो लें। अन्य सामान का थैला यदि आवश्यक न हो तो 1-2 दिन रखा रहने दें। काम में लेने से पूर्व भी पैकेट्स को गीले कपड़े से साफ कर, अपने हाथ अच्छी तरह धो लें।
3. बाहर से सामान लाने वाला सदस्य मास्क/गमछा लगाकर ही बाहर जाए, वापस आकर बिना किसी के संपर्क में आये, बिना घर की चीजों को छुए, स्नान कर लें और कपड़ों को धो ले।
4. अपने मोबाइल, वॉलेट और पैसों को सैनिटाइजर छिड़ककर साफ कर लें ।
5.घर के कामकाजी और बाहर जाने वाले सदस्य को रहने के लिए एक अलग बाहर का कमरा निर्धारित कर दें, उनके निकट संपर्क में आने से बचें।
6. गर्म पानी का प्रयोग समय-समय पर करते रहें। ग्रीन टी, लेमन टी का प्रयोग लाभदायक है। वाष्प लेना भी अति लाभदायक है। काढ़े का प्रयोग, नीबू, संतरा, लहसुन, अदरख, हल्दी, लोंग, कालीमिर्च, तुलसी के पत्ते इत्यादि का प्रयोग अपनी दिनचर्या में शामिल करना अच्छा है। पानी खूब पियें। गर्मागर्म ताज़ा भोजन का सेवन करें।
7. तेज़ धूप विषाणुओं को मारने वाला मुफ्त-प्राकृतिक सेनेटाइजर है। इसका लाभ अवश्य उठाएं।
8. AC का प्रयोग करने से बचें, फ्रिज के ठंडे पानी का प्रयोग न करें।बीमार होने से बचें।
9. बिल्कुल भी पैनिक और परेशान न हों, उपरवाले का ध्यान-इबादत करे, आरोग्य सेतु app download कर लें।
10. दो गज़ दूरी का ध्यान रखें और बार-बार अपने हाथ अच्छी तरह धोएं, सेनिटाइज करते रहें.
कोरोना का इलाज कोरोना होने कारणों में ही छुपा है--उन्हें पहचाने, उन गलतियों को बिल्कुल ना दोहराएँ। ये खतरा वास्तविक और अवश्यंभावी है। प्रशासन के दिए गए निर्देशों का हमेशा पालन करें-- किसी को दिखाने या छुपाने के लिए नहीं-- खुद और अपने परिवार को इस महामारी से बचाने के लिए। आइये, इस अभियान में सकारात्मक भूमिका निभाएं, कोरोना को दूर भगाएँ।
कोरोना हारेगा देश जीतेगा
धन्यवाद
एसपी किशनगंज
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