ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे... किशनगंज में कोरोना वरियर्सों के साथ, डीएम ,एसपी के हाथ ।
किशनगंज टाइम्स के लिए शशिकांत झा की रिपोर्ट।
किशनगंज (बिहार )- रेलगाड़ियों की समांनांतर पटरियों सी एक साथ चलकर लोगों को मंजिल तक पहुंचाने की मुहिम में यह जोड़ी बेमिसाल होकर लोगों के दिलों में उतरती जा रही है ।जहाँ आदित्य के प्रकाश में कुमार के आशिषों से लोगों को नई मंजिलें मिलती जा रही है ।रेलगाड़ियों से लोगों का अपनों के बीच पहुंचने की होड़ में मानों "कोरोना "को हराने की एक अनोखी तश्वीर खिंचती चली जा रही है ।
33डिग्री सेल्सियस की गर्मी ,तेज धूप और उमस के बीच प्रवासियों के आगमन पर किशनगंज डी एम और एस पी निरंतर उनके अभिवादन और उनकी आवश्यक देखभाल में लग जाते हैं ।रेलगाड़ियों में भर भरकर आ रहे प्रवासियों के हाथों को सेनेटाईज करने से लेकर कोरोना टेस्ट और उनकी भूख मिटाने की जिम्मेदारियों को इसी जोड़ी के द्वारा निभाया जा रहा है ।राम और श्याम शरीखे दिखने बाले डी एम आदित्य प्रकाश और एस पी कुमार आशिष की कोई इनसे पूछे,जो पूरे जिले को कोरोना संक्रमण से बचाने के साथ साथ जनता जनार्दन की सेवाओं के लिए हमेशा तत्तपर रहते हैं ।मानों जिले के दोनों अभिभावकों को दिन और रात में कोई फर्क हीं नहीं दिखता है ।सनद रहे कि अपने अपने कप्तान की कप्तानी से वर्दी और बिना वर्दी बाले इनके सभी सिपाही उत्साहित होकर अपने काम में तल्लीन रहते हैं ।जहाँ पर ये डाक्टर ,नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के कदम से कदम मिलाकर कोरोना को भगाने की मुहिम में जुटे पड़े हैं । एक चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी से लेकर ए डी एम ,चौकीदारों से लेकर डी एस पी एवं एस डी पी ओ किसी आदेश का नहीं ,बल्कि अपने जिम्मेंदारियों को निभाने में लगे हैं ।ऐसे में अगर मान लिया जाय तो "किशनगंज जिला कोरोना योद्धाओं से भरा पड़ा है "।जहाँ इशारा मिलते हीं ये बखौफ मैदान फतह को निकल पड़ते हैं।
नेपाल की सीमाओं से लेकर बंगाल की बस्तियों तक की निगेहवानी में ये चार ऑंखें कितनी कारगर है ,यह लोगों के दिलों से निकल रही आवाजों से पता चल रहा है ।इतना तो निर्विवाद रुप से कहा हीं जा सकता है कि किशनगंज जिले की इस जोड़ी का कोई तोड़ अन्य जगहों पर तलाश की केन्द्रविंदू बन चुकी है।
किशनगंज टाइम्स के लिए शशिकांत झा की रिपोर्ट।
किशनगंज डीएम और एसपी की अनोखी कदमताल। |
किशनगंज (बिहार )- रेलगाड़ियों की समांनांतर पटरियों सी एक साथ चलकर लोगों को मंजिल तक पहुंचाने की मुहिम में यह जोड़ी बेमिसाल होकर लोगों के दिलों में उतरती जा रही है ।जहाँ आदित्य के प्रकाश में कुमार के आशिषों से लोगों को नई मंजिलें मिलती जा रही है ।रेलगाड़ियों से लोगों का अपनों के बीच पहुंचने की होड़ में मानों "कोरोना "को हराने की एक अनोखी तश्वीर खिंचती चली जा रही है ।
33डिग्री सेल्सियस की गर्मी ,तेज धूप और उमस के बीच प्रवासियों के आगमन पर किशनगंज डी एम और एस पी निरंतर उनके अभिवादन और उनकी आवश्यक देखभाल में लग जाते हैं ।रेलगाड़ियों में भर भरकर आ रहे प्रवासियों के हाथों को सेनेटाईज करने से लेकर कोरोना टेस्ट और उनकी भूख मिटाने की जिम्मेदारियों को इसी जोड़ी के द्वारा निभाया जा रहा है ।राम और श्याम शरीखे दिखने बाले डी एम आदित्य प्रकाश और एस पी कुमार आशिष की कोई इनसे पूछे,जो पूरे जिले को कोरोना संक्रमण से बचाने के साथ साथ जनता जनार्दन की सेवाओं के लिए हमेशा तत्तपर रहते हैं ।मानों जिले के दोनों अभिभावकों को दिन और रात में कोई फर्क हीं नहीं दिखता है ।सनद रहे कि अपने अपने कप्तान की कप्तानी से वर्दी और बिना वर्दी बाले इनके सभी सिपाही उत्साहित होकर अपने काम में तल्लीन रहते हैं ।जहाँ पर ये डाक्टर ,नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के कदम से कदम मिलाकर कोरोना को भगाने की मुहिम में जुटे पड़े हैं । एक चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी से लेकर ए डी एम ,चौकीदारों से लेकर डी एस पी एवं एस डी पी ओ किसी आदेश का नहीं ,बल्कि अपने जिम्मेंदारियों को निभाने में लगे हैं ।ऐसे में अगर मान लिया जाय तो "किशनगंज जिला कोरोना योद्धाओं से भरा पड़ा है "।जहाँ इशारा मिलते हीं ये बखौफ मैदान फतह को निकल पड़ते हैं।
किशनगंज की आवाज "जोड़ी सलामत रहे "। |
नेपाल की सीमाओं से लेकर बंगाल की बस्तियों तक की निगेहवानी में ये चार ऑंखें कितनी कारगर है ,यह लोगों के दिलों से निकल रही आवाजों से पता चल रहा है ।इतना तो निर्विवाद रुप से कहा हीं जा सकता है कि किशनगंज जिले की इस जोड़ी का कोई तोड़ अन्य जगहों पर तलाश की केन्द्रविंदू बन चुकी है।
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