किशनगंज (बिहार)- बिहार सरकार की ओर से संचालित महादलित, दलित, अल्पसंख्यक अति पिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना में कार्यरत महिला शिक्षा सेवियों को भी अब 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश मिलेगा। इसके साथ ही पुरुष शिक्षा सेवकों (टोला सेवकों) को भी दो बच्चों तक 15 दिन का पितृत्व अवकाश मिल सकेगा। शिक्षा विभाग ने साक्षरता की इस योजना में कार्यरत शिक्षा सेवकों को कई देय कई सुविधाएं लागू कर दी हैं। संविदा पर नियोजित कर्मियों के लिए गठित उच्चस्तरीय कमेटी की अनुशंसा पर सामान्य प्रशासन द्वारा निर्गत संकल्प के आलोक में जनशिक्षा निदेशक कुमार रामानुज ने शिक्षा सेवकों के सेवा से संबंधित बिंदुओं पर आदेश जारी किया। इसके मुताबिक पहले टोला सेवक जो अब शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज समेत) कहे जाते हैं उनकी कार्यअवधि भी तय कर दी गई है। विभाग ने इससे पहले ही उनके लिए सेवाशर्तें भी निर्धारित कर दी थीं। फिलहाल राज्य में शिक्षा सेवकों के करीब 30 हजार पद हैं। अब ये सुबह 8 बजे से शाम 3 बजे तक कार्य करेंगे। सप्ताह में छह दिन कार्य दिवस होने की स्थिति में एक साल में 16 दिन आकस्मिक अवकाश देय होगा। एक साल में 16 दिन का अर्जित अवकाश देय होगा और अधिकतम 60 दिन अवकाश संचित किया जा सकेगा।
पुरुष शिक्षा सेवकों के लिए दो बच्चों तक 15 दिन अवकाश
प्रसूति प्रसुविधा (संशोधन) अधिनियम 2017 के तहत देय मातृत्व अवकाश की सुविधा उन सभी महिला शिक्षा सेवकों को उपलब्ध होगी जो पिछले 12 महीने में 80 दिनों के लिए कार्य कर चुकी हैं। इन्हें मिलने वाले 26 सप्ताह के प्रसूति अवकाश में प्रथम 8 सप्ताह अनुमानित प्रसव तिथि के पूर्व जबकि शेष 18 सप्ताह शिशु के जन्म के बाद अनुमान्य है। यह दो बच्चों तक ही मान्य होगा। पुरुष शिक्षा सेवकों को भी 15 दिन का पितृत्व अवकाश दो बच्चों तक ही मान्य होगा। इसके अलावा शिक्षा सेवकों को पूर्व में देय अवकाश एवं अन्य सुविधाएं मार्गदर्शिका के अनुरूप जारी रहेंगी।
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