किशनगंज (अकील आलम)| आगामी विधानसभा चुनाव में जिला के अधिकांश शिक्षिकाओं का पीठासीन पदाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्ति कर देने से शिक्षिकाओं में हाहाकार मच गया है जो शिक्षिकाओं कभी मतदान पदाधिकारी प्रथम, द्वीतिय एवं तृतीय के रूप में भी कार्य नहीं की है। उसे यकायक पीठासीन पदाधिकारी बना देना समझ से परे है यह बातें बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रागीबुर्रहमान ने कही।
ज्ञात हो कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए जिला चुनाव संभाग द्वारा चुनाव संबंधी तैयारियां जोरों पर है जिस हेतु 22 सितम्बर 2020 से मतदान कर्मियों का प्रशिक्षण प्रारंभ है। प्राप्त सूचना के अनुसार आगामी विधानसभा चुनाव हेतु पीठासीन पदाधिकारियों के रूप में जिला के अधिकांश शिक्षिकाओं की प्रतिनियुक्ति की गई है। जिस पर शिक्षक संघ ने अपनी आपत्ति दर्ज किया है। बिहार राज्य प्रारंभिक संघ के जिलाध्यक्ष रागीबुर्रहमान ने कहा कि शिक्षिकाओं को मतदान कराने का पूर्व का कोई अनुभव नही है। साथ ही सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी यह अचंभित करने वाला प्रशासन द्वारा लिया गया निर्णय है। इससे पहले के चुनाव में शिक्षिकाओं को उनके निवास स्थान के निकट के मतदान केंद्रों में पर्दानशीं मतदाताओं को पहचानने हेतु प्रतिनियुक्ति होती रही है एवं जिला व प्रखंड मुख्यालयों के एक या दो मतदान केंद्र को मॉडल मतदान केंद्र के रूप में बनाने पर उक्त मतदान केंद्रों में महिलाओं की प्रतिनियुक्ति की जाती रही है। लेकिन इस बार अधिक संख्या में महिलाओं की प्रतिनियुक्ति से शिक्षिकाओं में भय एवं आक्रोश का माहौल है। शिक्षक संघ ने कहा कि महिलाओं को अगर पीठासीन पदाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्ति किया जाता है तो उन्हें मतदान के पूर्व की रात्रि मतदान केंद्रों में गुजारनी पड़ेगी, साथ ही मतदान संबंधी सभी सामग्री को मतदान के पश्चात जिला मुख्यालय स्थित जिला चुनाव आयोग द्वारा चिन्हित स्थान पर पहुंचाना पड़ेगा। सारी सामग्रियों को जिला मुख्यालय में जमा करने में लगभग देर रात अथवा दूसरे दिन तक का भी इंतजार करना पड़ता है। ऐसी परिस्थिति में दूरदराज क्षेत्र की महिलाएं सामग्री जमा कर आधी रात को कैसे घर जाएगी साथ ही उसकी सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा, जो एक बहुत बड़ा प्रश्न है। शिक्षक संघ ने शिक्षिकाओं को पीठासीन पदाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्ति को रद्द करते हुए उन्हें उनके निवास स्थान के निकट के मतदान केंद्रों में पर्दानशीं महिलाओं को पहचानने हेतु प्रतिनियुक्त करने का जिला पदाधिकारी से अनुरोध किया है। शिष्टमंडल में मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष रागीबुर्रहमान, अब्दुल कादिर, प्रभात सिन्हा, तौहीद काजमी, बदर आलम,नुरजमाल, जाहीदुर्रहमान, जुबैर आलम, अजमल हुसैन, असगर मोबीन, मरगुबुलहसन, नियाज़ अखतर, सत्यनारायण सिंह, प्रिया हलदर, फारुक आजम, प्रमोद पाण्डेय, आदिल रिजवान, मुकेश साह, मोहन पासवान, वजीर आलम, विनय कुमार, रामानंद ठाकुर, अब्दुल करीम, उज्ज्वल सिन्हा, मोबीन अख्तर, प्रजापति सिन्हा, तारकेश्वर सिंह, जहांगीर आलम, मोहसिन अंजर, अनवार आलम,जयन्त कुमार,सईद अख्तर आदि थे।
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रागीवुर्रहमान साहब सही कदम उठाए हैं ,उनमे सेवा भावना तथा कठिन परिस्थिति में कदम से कदम मिलाकर चलने का हिम्मत है।
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