किशनगंज (बिहार) विजय कुमार/ सावन मास की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। इस साल रक्षा बंधन का पर्व 3 अगस्त यानी आज सोमवार को रक्षाबंधन का पर्व हैं। भाई-बहन का पवित्र त्योहार है। इस दिन बहन भाई की कलाई में राखी बांधती है और भाई बहन की रक्षा करने का वचन देता है। ये रक्षाबंधन बहुत खास होने वाला है क्योंकि इस साल रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि और आयुष्मान दीर्घायु का शुभ संयोग बन रहा है। बहना अपने भाइयों के कलाई में राखी बांधने के लिए वर्षो से इस दिन का इंतेज़ार करती हैं।भाई जहाँ बहनों से राखी बंधवाने के लिए उत्साहित है।वही बहनों ने पूरी तैयारियां कर रखी हैं।
क्या कहती है टेढ़ागाछ की बहना-
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भावना तिवारी |
भावना तिवारी कहती है कि मेरी मायके रांची हैं।हर साल अपने भाइयों के कलाई में राखी बांधती आई हूं।और दीर्घायु उम्र की कामना करती हूँ।लेकिन इस बार कोरोना महामारी जैसी संकट को लेकर नही जाने जाऊँगी,इस बाढ़ रक्षाबंधन में जाने का उतना मलाल नहीं जितना कोरोना संकट से समाज के और देशवासियों को जूझना पड़ रहा है ईश्वर से प्रार्थना है कि अपने भारत से कोविड-19 का जो संक्रमण है जो संकट है वह खत्म हो जाए, सभी वर्ग के लोग एक साथ शांति सौहार्द से रहे यही कामना करते हैं।
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प्रियंका दस |
प्रियंका दास गुप्ता बताती है कि मैं अपने भाई को राखी बांधने के लिए एक दिन पहले ही मायके आ गई हूं।मैं अपने भाई राजा के कलाई में प्रीतिवर्ष राखी बांधती हूँ।और उनके लंबे उम्र की कामना करती हूँ।भाइयों के कलाई में राखी बांधकर बहुत शुकून मिलता हैं।मैं हमेशा अपने भाई का फोन के माध्यम से खोज खबर लेता हूँ।मेरे भाई मुझे बहुत प्यार करते हैं।
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चांदनी कुमारी |
चांदनी कुमारी ने कहा कि भाई बहन के अटूट सबंधो को कोई भाई या बहन ही समझ सकती हैं।प्रति वर्ष के तरह इस बार भी अपने भाई के कलाई में राखी बँधेगी, रक्षाबंधन के लिए किशगंज से अपने घर आई हूं। बाजार की परिक्रमा करने के बाद अच्छी सी राखी अपने भाई के लिए खरीदी है।रक्षाबंधन के दिन भाई के साथ मिलने का मौका मिलेगा, जो बेहद अच्छा पल मेरे लिए गुजरेगा।
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रूपा कुमारी |
रूपा कुमारी ने बताया कि शादी होने के बाद भी घर मे व्यस्तता रहने के बावजूद अपने भाइयों को राखी बांधने निश्चित रूप से जाती हूं।भाई को राखी बांधने के बाद ही मन को सुकून मिलता हैं।इस बार भी अपने भाई के कलाई में राखी बांधूगी
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सीता देवी |
सीता देवी बताती है कि मैं अपने भाइयों को हर साल राखी बांधती आई हूँ।लेकिन भारत नेपाल सीमा कोरोना महामारी के चलते हुई सील को लेकर मैं अपने भाई के कलाइयों में इस बार राखी नही बांध पाऊंगी,मेरे भाई विराटनगर में रहते हैं। राखी नही बांध पाने का हमेशा मलाल रहेगा।
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