मक्का तोड़ते किसान। |
Kishanganj- जिले के मक्का किसान हताश वो परेशान जहां एक तरफ किसानों को मक्का कम कीमत पर बेचने को मजबूर तो दूसरी तरफ मौसम की बेरुखी से परेशान है किसान।
जिले दिघलबैंक में एक बड़ी आबादी मक्के का फसल लगाया है जो एक नगदी फसल भी है। इस वर्ष किसानों ने अन्य वर्ष की भांति ज्यादा खेती मक्के का की है पर किसान इस वर्ष कम कीमत से परेशान तो है ही ऊपर से मॉनसून की जल्द आगमन से किसानों के मंसूबों में पानी फेर दिया है।
जिले के पत्थरघट्टी पंचायत अंतर्गत बनबरिया में बीते दिनों किसानों को मकई तोड़ते खेतों में देखा गया पूछे जाने पर किसान शकील, मंजर आदि ने बताया कि जो मकई अभी तोड़ रहे हैं उसे कई दिनों पहले ही तोड़ लेना था। पर लगातार हो रही बारिश के कारण सही समय पर मकई नहीं तोड़ सके जिस कारण बहुत भुट्टे गिर गए हैं जो पानी में सर गए हैं। आगे उन्होंने बताया कि जो मकई थ्रेसर किए भी है तो धूप के अभाव में दाना काला पड़ गया है जिसे सही कीमत नहीं मिल रहा है। बता दें कि जो फसल अब तक किसानों को तैयार कर बेच देना चाहिए था पर मौसम की मार से अब तक जिले के अलग-अलग हिस्सों में किसान मक्के सुखाते नजर आ रहे हैं।
पिछले दिनों लगातार हुई बारिश के कारण धूप के अभाव में बहुत सारे दाने काले पड़ गए हैं तो बहुत में अंकुर निकल आए हैं। जिस कारण किसानों को मकई का सही कीमत मिलना भी मुश्किल है। कुल मिलाकर जिले के किसान ओने पौने कीमतों पर मकई बेचने पर मजबूर है।
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