औने पौने कीमत पर फसल बेचने को मजबूर किसान,किसान शिष्टमंडल ने डीएम को सौंपा ज्ञापन।
किशनगंज (बिहार)- औनेपौने दामों पर मक्के की फसल बेचने को लाचार बेबस किसानों के दर्द को साझा करने के लिए एकजूट हुए जिले भर के किसान,जिनकी आवाजों को लेकर जिले के एक शिष्टमंडल ने डीएम किशनगंज से लगाई गुहार,जिसमें मक्के फसलों की मूल्यवृद्धि को एक ज्ञापन सौंपा।
इन दिनों मक्के की फसलों पर मौसम की मार और उपर से बिचौलियों के हाथों की कठपुतली बनकर जिले के किसान बेबसी के आलम में अपना अनाज बेच रहे हैं ।दो हजार रुपये प्रति क्वींटल अनाज बेचने का इन किसानों का सपना टूटकर चूर चूर हो रहा है ।पर सरकार कोरोना के बहाने किसानों की उपेक्षा कर रही है ।हलांकि डी एम किशनगंज ने मूल्यबृद्धि को लेकर दिये गये मांगपत्र को मुख्यमंत्री जी तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है ।पर अचानक हो रही मौसम की तब्दीलियां किसानों के लिए आफत बनकर सामने आ चुकी है ।जिससे कहीं हजार तो कहीं ग्यारह सौ में इन मक्के की फसलों को हाट बाजारों में बड़े व्यापारियों के बिचौलिये इसे खरीद रहे हैं ।जहाँ ना तो सरकारी मूल्यों का निर्धारण है, ना हीं सरकारी कोई पावंदियां हैं ।ऐसे में किसान अपने मेहनत और पसीने की कमाईयों को कौड़ी के मोल बेचने को लाचार हैं। किसान शिष्टमंडल में मुख्य रूप से जिले के विभिन्न प्रखण्डों से किसानों के प्रतिनिधि मंडल के रुप में दिघलबैंक से समाजसेवी संतोष कुमार चौधरी एवं असद इकबाल,बहादुरगंज से वसीकुर्रहमान, कोचाधामन से गुफरान आलम फौजी, टेढागाछ से नफीस हैदर एवं नाकिर आलम एवं ठाकुरगंज से शमीम अख्तर शामिल थे।
किशनगंज टाइम्स के लिए अकील आलम की रिपोर्ट।
किसान संघर्ष समिति के सदस्यगण। |
किशनगंज (बिहार)- औनेपौने दामों पर मक्के की फसल बेचने को लाचार बेबस किसानों के दर्द को साझा करने के लिए एकजूट हुए जिले भर के किसान,जिनकी आवाजों को लेकर जिले के एक शिष्टमंडल ने डीएम किशनगंज से लगाई गुहार,जिसमें मक्के फसलों की मूल्यवृद्धि को एक ज्ञापन सौंपा।
इन दिनों मक्के की फसलों पर मौसम की मार और उपर से बिचौलियों के हाथों की कठपुतली बनकर जिले के किसान बेबसी के आलम में अपना अनाज बेच रहे हैं ।दो हजार रुपये प्रति क्वींटल अनाज बेचने का इन किसानों का सपना टूटकर चूर चूर हो रहा है ।पर सरकार कोरोना के बहाने किसानों की उपेक्षा कर रही है ।हलांकि डी एम किशनगंज ने मूल्यबृद्धि को लेकर दिये गये मांगपत्र को मुख्यमंत्री जी तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है ।पर अचानक हो रही मौसम की तब्दीलियां किसानों के लिए आफत बनकर सामने आ चुकी है ।जिससे कहीं हजार तो कहीं ग्यारह सौ में इन मक्के की फसलों को हाट बाजारों में बड़े व्यापारियों के बिचौलिये इसे खरीद रहे हैं ।जहाँ ना तो सरकारी मूल्यों का निर्धारण है, ना हीं सरकारी कोई पावंदियां हैं ।ऐसे में किसान अपने मेहनत और पसीने की कमाईयों को कौड़ी के मोल बेचने को लाचार हैं। किसान शिष्टमंडल में मुख्य रूप से जिले के विभिन्न प्रखण्डों से किसानों के प्रतिनिधि मंडल के रुप में दिघलबैंक से समाजसेवी संतोष कुमार चौधरी एवं असद इकबाल,बहादुरगंज से वसीकुर्रहमान, कोचाधामन से गुफरान आलम फौजी, टेढागाछ से नफीस हैदर एवं नाकिर आलम एवं ठाकुरगंज से शमीम अख्तर शामिल थे।
किशनगंज टाइम्स के लिए अकील आलम की रिपोर्ट।
1 Comments
बहुत ही अच्छा कदम है किसान भाई के लिए. हम सब किसान आप के इस कदम से खुश है हम सब यही चाहते है की मक्का का उचित दाम मिल (धन्यवाद ) 🙏 सर
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